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70 साल बाद नक्सल प्रभावित गांव में पहुंचा स्वच्छ पेयजल, हर घर को मिला नल कनेक्शन

 70 साल बाद नक्सल प्रभावित गांव में पहुंचा स्वच्छ पेयजल, हर घर को मिला नल कनेक्शन: छत्तीसगढ : बलरामपुर मे आज़ादी के 70 साल बाद आखिरकार इस नक...

 70 साल बाद नक्सल प्रभावित गांव में पहुंचा स्वच्छ पेयजल, हर घर को मिला नल कनेक्शन:

छत्तीसगढ : बलरामपुर मे आज़ादी के 70 साल बाद आखिरकार इस नक्सल प्रभावित गांव में स्वच्छ पेयजल की सुविधा पहुंच गई। हर घर को नल कनेक्शन मिलने से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वर्षों से पेयजल संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र में अब स्वच्छ जल आसानी से उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा।

गांव के लोगों ने सरकार की इस पहल पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल उनकी दैनिक जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि बीमारियों से भी बचाव होगा। प्रशासन और जल जीवन मिशन की टीम ने इस कठिन इलाके में काम करके यह सुविधा उपलब्ध कराई है।

गांव के सरपंच  ने बताया, "पहली बार हमारे गांव में हर घर को नल से पानी मिल रहा है। अब महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"

यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। सरकार का कहना है कि आने वाले वर्षों में ऐसे और भी गांवों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।


छत्तीसगढ़ के चुनचुना गांव में 70 साल बाद पहुंचा स्वच्छ पेयजल, हर घर को मिला नल कनेक्शन:

बलरामपुर: आज़ादी के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के चुनचुना गांव में स्वच्छ पेयजल की सुविधा पहुंची है। लंबे समय से पानी की कमी से जूझ रहे ग्रामीणों को अब हर घर में नल कनेक्शन के जरिए 24 घंटे पानी मिल रहा है।

ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पहले उन्हें दूर-दराज से पानी लाना पड़ता था, जिससे काफी परेशानी होती थी। गांव के एक निवासी ने कहा, "सड़कें न होने के कारण बोरिंग नहीं हो पाई थी, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। सरकार की पहल से अब हमें घर बैठे साफ पानी मिल रहा है, जिससे जीवन आसान हो गया है।"

चुनचुना गांव नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है, जहां विकास कार्यों में कई बाधाएं थीं। लेकिन अब सड़कें बनने के बाद बुनियादी सुविधाएं गांव तक पहुंचने लगी हैं। एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "पहले हमें घंटों पैदल चलकर पानी लाना पड़ता था, लेकिन अब इस समस्या से मुक्ति मिल गई है।"

सरकार की इस पहल से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। प्रशासन का कहना है कि यह योजना दूर-दराज के इलाकों में जीवन स्तर सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


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