दुर्ग में महिला वकील साइबर ठगी का शिकार: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 41 लाख की धोखाधड़ी: दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक महिला वकील को साइबर ...
दुर्ग में महिला वकील साइबर ठगी का शिकार: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 41 लाख की धोखाधड़ी:
दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक महिला वकील को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसाकर 41 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने उन्हें फोन कर उनके बैंक खाते में 8 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध ट्रांजेक्शन की बात कही और खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर डराया।
धोखाधड़ी करने वालों ने महिला को विश्वास दिलाया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग में जुड़ा है और यदि वे जांच में सहयोग नहीं करेंगी, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसी दबाव में आकर पीड़िता ने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 41 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जब महिला को एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुकी हैं, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या वित्तीय लेनदेन की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें और बिना जांचे-परखे किसी अज्ञात खाते में पैसे ट्रांसफर न करें।
दुर्ग में महिला वकील डिजिटल अरेस्ट का शिकार: ठगों ने IPS अधिकारी बनकर 41 लाख की ठगी की:
दुर्ग: जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्ता फरीहा अमीन कुरैशी साइबर ठगी का शिकार हो गईं। ठगों ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर उन्हें धमकाया और 41 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठगों ने फोन पर वकील फरीहा अमीन कुरैशी को बताया कि दिल्ली में एक आरोपी पकड़ा गया है, जिसके पास उनके नाम का बैंक खाता मिला है। इस खाते में 8.7 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। ठगों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताते हुए कहा कि अगर वह सहयोग नहीं करेंगी, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
डर और दबाव में आकर पीड़िता ने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 41 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कर रही जांच, नागरिकों से सतर्क रहने की अपील:
मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और साइबर ठगों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि अगर किसी को भी इस तरह के फोन कॉल या संदेहास्पद बैंकिंग गतिविधियों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें और बिना पुष्टि किए किसी अज्ञात खाते में पैसे ट्रांसफर न करें।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में जागरूक रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।
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