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महाकुंभ में 144 साल बाद का दावा झूठा: शंकराचार्य ने उठाए सवाल, कहा— श्रद्धालुओं को मल-जल में डुबकी लगाने विवश किया गया

  महाकुंभ में 144 साल बाद का दावा झूठा: शंकराचार्य ने उठाए सवाल, कहा— श्रद्धालुओं को मल-जल में डुबकी लगाने विवश किया गया: प्रयागराज : में आ...

 महाकुंभ में 144 साल बाद का दावा झूठा: शंकराचार्य ने उठाए सवाल, कहा— श्रद्धालुओं को मल-जल में डुबकी लगाने विवश किया गया:

प्रयागराज : में आयोजित महाकुंभ को लेकर किए जा रहे दावों पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि "महाकुंभ 144 साल बाद हो रहा है" जैसे दावे पूरी तरह से भ्रामक और असत्य हैं। शंकराचार्य के अनुसार, महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में निर्धारित क्रम के अनुसार होता है, और इस बार भी इसका आयोजन उसी परंपरा के अनुसार किया जा रहा है।

शंकराचार्य ने कुंभ मेले की अव्यवस्थाओं पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को गंगा के शुद्ध जल में स्नान कराने के बजाय मल-जल में डुबकी लगाने को विवश किया गया। सरकार द्वारा भीड़ बढ़ाने के लिए अंधाधुंध प्रचार किया गया, जिससे मेले में अव्यवस्था और दुर्दशा बढ़ गई।

दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को "मृत्यु कुंभ" कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों को राजनीति से जोड़ना अनुचित है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं को गुमराह करना और सुविधाओं की अनदेखी करना भी निंदनीय है।

शंकराचार्य ने सरकार से मांग की कि महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल और उचित व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि यह आध्यात्मिक आयोजन अपने वास्तविक स्वरूप में संपन्न हो सके।


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