छत्तीसगढ़: AAP ने आम आदमी पर जताया भरोसा, फल्ली विक्रेता को बनाया पालिका अध्यक्ष, पत्नी को दिया पार्षद का टिकट: छत्तीसगढ़ : में आम आदमी प...
छत्तीसगढ़: AAP ने आम आदमी पर जताया भरोसा, फल्ली विक्रेता को बनाया पालिका अध्यक्ष, पत्नी को दिया पार्षद का टिकट:
छत्तीसगढ़ : में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर अपनी विचारधारा को साबित करते हुए आम जनता पर भरोसा जताया है। पार्टी ने फल्ली बेचने वाले एक साधारण नागरिक को नगर पालिका अध्यक्ष बनाया, वहीं उनकी पत्नी को पार्षद पद का टिकट देकर राजनीति में नई मिसाल पेश की है।
AAP के इस फैसले को जनता के बीच खूब सराहना मिल रही है। पार्टी का कहना है कि राजनीति सिर्फ बड़े व्यवसायियों या प्रभावशाली लोगों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि आम आदमी को भी नेतृत्व करने का अवसर मिलना चाहिए।
यह कदम न केवल आम जनता को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि पारंपरिक राजनीति को भी चुनौती देता है। इससे पहले भी AAP ने देशभर में शिक्षा, स्वास्थ्य और आम लोगों के हक की राजनीति को प्राथमिकता दी है।
छत्तीसगढ़ में इस नई राजनीतिक सोच का जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल इस फैसले से लोगों में नई उम्मीद जगी है।
छत्तीसगढ़: कोरबा की दीपका नगर पालिका में रोचक मुकाबला, AAP ने मूंगफली विक्रेता को उतारा चुनावी मैदान में:
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की दीपका नगर पालिका परिषद के चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं। जहां कांग्रेस और भाजपा ने अपने धनबल और बाहुबल वाले प्रत्याशियों को उतारा है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने जनता के बीच से उभरते एक संघर्षशील व्यक्ति को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
AAP ने धर्मदास गुप्ता (गांधी भाई) को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो पिछले 24 वर्षों से दीपका में मूंगफली बेचते हुए अपनी आजीविका चला रहे हैं। धर्मदास गुप्ता केवल एक व्यवसायी नहीं, बल्कि जनता के मुद्दों के लिए संघर्ष करने वाले एक जमीनी नेता भी हैं। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें चुनावी मैदान में उतारकर पारंपरिक राजनीति को चुनौती दी है।
जनता के बीच लोकप्रियता, कांग्रेस-भाजपा को मिल सकती है कड़ी टक्कर:
धर्मदास गुप्ता की सादगी और संघर्षशील छवि ने उन्हें जनता के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया है। आम आदमी पार्टी के इस कदम के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है कि क्या इस बार आम जनता एक ईमानदार और जमीनी नेता को मौका देगी?
AAP के इस फैसले ने कांग्रेस और भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यह चुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों का नहीं, बल्कि साधारण बनाम ताकतवर राजनीति का प्रतीक बन गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि दीपका की जनता इस बदलाव को अपनाती है या नहीं।
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