रायपुर: राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, अंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु चोरी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शनिवार को वार्ड-6 से ...
रायपुर: राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, अंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु चोरी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शनिवार को वार्ड-6 से एक दिन के नवजात को दो महिलाओं ने चुराने की कोशिश की। यह महिलाएं शिशु को उत्तर प्रदेश ले जाकर बेचने की योजना बना रही थीं। लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उनकी यह साजिश नाकाम हो गई।
आरंग निवासी नीता सतनामी ने 3 जनवरी की रात नवजात को जन्म दिया था। नीता के परिवार के साथ ही दो अज्ञात महिलाएं—पायल साहू और उसकी मां रानी साहू—वार्ड में मेलजोल बढ़ा रही थीं। शनिवार दोपहर, जब नीता की सास हाथ धोने गईं, तो इन दोनों महिलाओं ने मौका पाकर नवजात को चुरा लिया।
नीता और उनके परिजनों ने तुरंत अस्पताल के पुलिस सहायता केंद्र को सूचना दी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने मात्र कुछ घंटों में रेलवे स्टेशन पर दोनों महिलाओं को पकड़ लिया। उस समय वे प्लेटफॉर्म-5 पर ट्रेन का इंतजार कर रही थीं।
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पायल साहू ने अगस्त 2024 में अंबेडकर अस्पताल में अपने बेटे को जन्म दिया था और बाद में उसे प्रयागराज में बेच दिया। ऐसा लगता है कि यह महिला और उसकी मां मानव तस्करी के एक बड़े गिरोह का हिस्सा हैं।
यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। बिना किसी मरीज के ये महिलाएं दो दिनों तक वार्ड में आती-जाती रहीं और प्रसूता से घुलमिल गईं। यहां तक कि एंबुलेंस और ट्रेन टिकट जैसी व्यवस्थाएं भी आसानी से हो गईं।
यदि पुलिस समय पर नहीं पहुंचती, तो नवजात को बेचने की साजिश सफल हो सकती थी। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल शिशु को बचाया, बल्कि मानव तस्करी के एक गिरोह का पर्दाफाश करने का रास्ता भी खोला।
पायल और उसकी मां रानी साहू को गिरफ्तार कर लिया गया है। पायल का भाई फरार है, और एक एंबुलेंस ड्राइवर की भूमिका की भी जांच हो रही है। पुलिस ने कहा है कि प्रयागराज में बेचे गए शिशु और गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।यह घटना सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है, खासकर ऐसे संवेदनशील स्थानों पर जहां हजारों मरीज और उनके परिवार रोजाना आते हैं।
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