• बस्तर की पहली महिला पायलट बनीं साक्षी: जुनून ने दिलाई सफलता: बस्तर: का गीदम शहर, जो कभी नक्सल हमलों के कारण सुर्खियों में था, अब एक नई प...
•बस्तर की पहली महिला पायलट बनीं साक्षी: जुनून ने दिलाई सफलता:
बस्तर: का गीदम शहर, जो कभी नक्सल हमलों के कारण सुर्खियों में था, अब एक नई पहचान बना रहा है। इस छोटे से कस्बे की बेटी साक्षी ने पायलट बनकर इतिहास रच दिया है। साक्षी बस्तर की पहली महिला पायलट हैं, और उनकी यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
•गीदम संघर्ष से सफलता तक का सफर
गीदम वही कस्बा है, जहां 2003 में नक्सलियों ने बड़ा हमला किया था। लंबे समय तक यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित रहा, लेकिन यहां के युवाओं ने हर बाधा को पार करते हुए अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानियां लिखीं। गीदम से पहले भी कई युवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय वन सेवा (IFS) में चयनित हो चुके हैं, लेकिन साक्षी की यह सफलता अलग ही स्तर पर है।
•साक्षी का जुनून: कुछ अलग करने की चाह
साक्षी ने बचपन से ही अपने सपनों को उड़ान देने का सपना देखा। उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ता से यह साबित किया कि अगर कुछ अलग करने का जुनून हो, तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
उनकी इस उपलब्धि ने यह दिखाया है कि मेहनत और समर्पण से बड़े से बड़े सपने भी सच किए जा सकते हैं। बस्तर जैसे क्षेत्र में, जहां नक्सलवाद का प्रभाव लंबे समय तक रहा है, साक्षी की यह सफलता एक नई उम्मीद की किरण हैं।
•युवाओं के लिए प्रेरणा
साक्षी ने अपनी सफलता से न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे बस्तर का नाम रोशन किया है। उनका कहना है कि अगर आप अपनी सीमाओं को पार करके कुछ बड़ा करने का जुनून रखते हैं, तो सफलता की गारंटी पक्की है।
उनकी यह यात्रा बस्तर और देशभर के युवाओं को प्रेरणा देती है कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। अगर हौसले बुलंद हों, तो गीदम जैसे छोटे कस्बों से भी आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।
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