7 नगर निगमों में कांग्रेस में बगावत, BJP में विरोध कमजोर: मेयर और पार्षद पद के दावेदारों की नाराजगी: छत्तीसगढ़ में: नगर निगम चुनावों से पह...
7 नगर निगमों में कांग्रेस में बगावत, BJP में विरोध कमजोर: मेयर और पार्षद पद के दावेदारों की नाराजगी:
छत्तीसगढ़ में: नगर निगम चुनावों से पहले कांग्रेस में बगावत चरम पर पहुंच गई है। 7 नगर निगमों में कांग्रेस के कई मेयर और पार्षद पद के दावेदारों ने पार्टी से नाराजगी जताते हुए बगावत का बिगुल फूंक दिया है। कई नेता पार्टी छोड़कर निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, जबकि कुछ बीजेपी या अन्य दलों का रुख कर सकते हैं।
वहीं, बीजेपी में विरोध अपेक्षाकृत कम नजर आ रहा है। पार्टी में असंतोष की कुछ आवाजें जरूर उठ रही हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर बगावत जैसी स्थिति नहीं बनी है।
कहां-कहां बागी हुए कांग्रेस के नेता?
नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों की सूची लंबी होती जा रही है। कई नेता टिकट बंटवारे से असंतुष्ट हैं और उन्होंने पार्टी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
बीजेपी में क्यों कम विरोध?
विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी में संगठनात्मक अनुशासन मजबूत है और असंतोष को पार्टी नेतृत्व द्वारा पहले ही संभाल लिया गया है। साथ ही, पार्टी ने टिकट वितरण में संभावित असंतोष को संतुलित करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं।
क्या चुनावी समीकरण बदलेंगे?
कांग्रेस में हो रही बगावत विपक्ष के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर कांग्रेस के असंतुष्ट नेता निर्दलीय या किसी अन्य दल से चुनाव लड़ते हैं, तो पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लग सकती है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस इस बगावत को कैसे संभालती है और बीजेपी किस तरह अपनी स्थिति को और मजबूत बनाती है।
छत्तीसगढ़ में नगर निगम चुनाव: कांग्रेस में बगावत तेज, BJP में विरोध हल्का
छत्तीसगढ़ में नगर निगम चुनाव के लिए मेयर, पार्षद और अध्यक्ष पद के प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में असंतोष सामने आने लगा है। खासतौर पर कांग्रेस में बगावत की लहर सबसे अधिक देखने को मिल रही है। रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर समेत सात नगर निगमों में कांग्रेस के कई मेयर और पार्षद पद के दावेदारों ने नाराजगी जताई है।
कांग्रेस में असंतोष क्यों?
कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर कई नेता और कार्यकर्ता असंतुष्ट हैं। कई दावेदारों का मानना है कि टिकट वितरण में वरिष्ठता और स्थानीय लोकप्रियता की अनदेखी की गई है, जिससे पार्टी के भीतर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं।
बगावत की प्रमुख वजहें:
1. पारदर्शिता पर सवाल – कई दावेदारों का आरोप है कि टिकट बंटवारे में सिफारिश और गुटबाजी हावी रही
2. स्थानीय नेताओं की अनदेखी – लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ी।
3. निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी – कई असंतुष्ट नेता निर्दलीय मैदान में उतरने की रणनीति बना रहे हैं, जिससे कांग्रेस के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।
बीजेपी में असंतोष नियंत्रित क्यों?
बीजेपी में भी कुछ सीटों को लेकर असंतोष है, लेकिन यह कांग्रेस की तुलना में कम है। पार्टी ने पहले से ही असंतोष को संभालने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं और संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखा है।
किन नगर निगमों में ज्यादा बगावत?
रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, दुर्ग, भिलाई, कोरबा और राजनांदगांव में कांग्रेस के भीतर असंतोष ज्यादा देखने को मिल रहा है। कई पार्षद और मेयर पद के दावेदार अब पार्टी से अलग रास्ता अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
क्या चुनावी समीकरण बदलेंगे?
अगर कांग्रेस में बगावत जारी रही तो इसका सीधा फायदा विपक्ष को हो सकता है। निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लग सकती है, जिससे बीजेपी को फायदा मिलने की संभावना है।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस असंतोष को कैसे नियंत्रित करती है और बीजेपी इसे अपने पक्ष में कैसे भुनाती है।
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