रायपुर: छत्तीसगढ़ में सीमेंट की बढ़ती कीमतों ने आम जनता और सरकारी योजनाओं पर गहरा असर डाला है। रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इ...
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सीमेंट की बढ़ती कीमतों ने आम जनता और सरकारी योजनाओं पर गहरा असर डाला है। रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश में सीमेंट की कीमतों पर रोक लगाई जाए, ताकि जनता को राहत मिल सके।
सांसद अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हर महीने लगभग 30 लाख टन सीमेंट का उत्पादन होता है, फिर भी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। नवंबर में एक बोरी सीमेंट की कीमत 260 रुपये थी, जो अब 275 से 300 रुपये तक पहुंच गई है। सरकारी परियोजनाओं के लिए मिलने वाला सीमेंट भी 205-210 रुपये से बढ़कर 250 रुपये प्रति बोरी हो गया है।
सांसद ने चिंता जताई कि महंगे सीमेंट का सीधा असर प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य शासकीय योजनाओं पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सितंबर में इसी तरह की मूल्य वृद्धि पर उनके प्रयासों से कंपनियों ने दाम कम किए थे। इस बार भी उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है।
महंगी सीमेंट के कारण प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और जनहितकारी योजनाओं की लागत बढ़ रही है। अग्रवाल ने कहा कि यदि स्थिति पर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया, तो प्रदेश की विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।
सांसद ने सरिया की अस्थिर कीमतों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते-घटते दामों का बोझ आम उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है
सांसद अग्रवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की है कि राज्य में सीमेंट और सरिया की कीमतों पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस दिशा में प्रभावी निर्णय लेगी, जिससे जनता को राहत मिलेगी।
छत्तीसगढ़ जैसे संसाधन-समृद्ध राज्य में सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं, जो जनता और विकास परियोजनाओं को राहत दिला सकती है।
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