मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में बढ़ी प्रतिस्पर्धा, 6 साल में परीक्षार्थियों की संख्या में 58% से ज्यादा इजाफा: रायपुर: में मेडिकल प्रवेश परीक्ष...
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में बढ़ी प्रतिस्पर्धा, 6 साल में परीक्षार्थियों की संख्या में 58% से ज्यादा इजाफा:
रायपुर: में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के प्रति छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। बीते 6 वर्षों में परीक्षार्थियों की संख्या में 58% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़ा न केवल प्रतिस्पर्धा के बढ़ते स्तर को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने की चाहत छात्रों के बीच लगातार बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मेडिकल सेक्टर में बढ़ते अवसरों, सरकारी योजनाओं और बेहतर शिक्षा सुविधाओं की वजह से छात्र अब पहले की तुलना में अधिक संख्या में इन परीक्षाओं में बैठ रहे हैं। हालांकि, प्रतियोगिता बढ़ने के कारण सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा भी कठिन होती जा रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
पिछले 6 वर्षों में 58% से अधिक परीक्षार्थियों की वृद्धि
मेडिकल कॉलेजों की सीमित सीटें और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
सरकार द्वारा मेडिकल शिक्षा में सुधार और नए कॉलेज खोलने की योजना:
छात्रों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच बेहतर तैयारी, सही रणनीति और मानसिक संतुलन सफलता के लिए जरूरी हैं। सरकार भी मेडिकल शिक्षा में सुधार के लिए नए कॉलेज खोलने और सीटों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे अधिक से अधिक छात्रों को अवसर मिल सके।
अभ्यर्थियों की राय:
मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे कई छात्रों का कहना है कि उन्हें अब पहले की तुलना में अधिक मेहनत और स्मार्ट रणनीति अपनानी पड़ रही है। कुछ छात्रों ने ऑनलाइन कोचिंग, मॉक टेस्ट और गाइडेड स्टडी मैटेरियल को सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
सरकार की पहल:
बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए सरकार नए मेडिकल कॉलेज खोलने, मौजूदा संस्थानों में सीटें बढ़ाने और छात्रों को आर्थिक सहायता देने की दिशा में काम कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में छात्रों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे वे अपने मेडिकल करियर के सपने को साकार कर सकेंगे।
मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा में बढ़ा मुकाबला, छत्तीसगढ़ से NEET-UG के परीक्षार्थियों की संख्या में 58% से अधिक वृद्धि:
छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) के प्रति छात्रों की रुचि लगातार बढ़ रही है। पिछले छह वर्षों में इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में 58% से अधिक की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2019 में राज्य से 28,000 से अधिक छात्रों ने NEET-UG के लिए आवेदन किया था। वहीं, 2024 में यह संख्या तेजी से बढ़ी है, जो यह दर्शाता है कि मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के प्रति युवाओं का रुझान लगातार बढ़ रहा है।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा से कड़ा हो रहा मुकाबला:
छात्रों की बढ़ती संख्या के साथ ही मेडिकल सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा भी कड़ी होती जा रही है। प्रदेश में सीमित मेडिकल सीटों के कारण छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत तैयारी करनी पड़ रही है। कोचिंग संस्थानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से छात्र अब पहले से अधिक व्यवस्थित रणनीति अपनाने लगे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि
✅ मेडिकल क्षेत्र में बढ़ते अवसर,
✅ सरकार की योजनाएं,
✅ नई तकनीकों की मदद से मेडिकल शिक्षा की बेहतर पहुंच
की वजह से छात्रों की संख्या में यह वृद्धि हो रही है।
हालांकि, सीटों की संख्या अब भी सीमित है, जिससे मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रतिस्पर्धा और अधिक कठिन हो गई है।
सरकार की पहल और भविष्य की योजनाएं:
बढ़ते आवेदन को देखते हुए सरकार नए मेडिकल कॉलेज खोलने और मौजूदा कॉलेजों में सीटें बढ़ाने पर काम कर रही है। इससे अधिक छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी।
छात्रों की तैयारी और रणनीति:
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण छात्रों को अब पहले से अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। NEET-UG की तैयारी कर रहे कई छात्रों ने बताया कि
✔ मॉक टेस्ट,
✔ समय प्रबंधन,
✔ ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग
इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बढ़ रही यह प्रतिस्पर्धा दर्शाती है कि राज्य के युवा चिकित्सा क्षेत्र में अपने भविष्य को लेकर अधिक गंभीर और समर्पित हो रहे हैं।
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