सावधान रहें: तेजी से फैल रहा है GBS सिंड्रोम, जानें इससे बचाव के उपाय: नई दिल्ली: हाल ही में GBS (गिलियन बैरे सिंड्रोम) के मामले तेजी से ब...
सावधान रहें: तेजी से फैल रहा है GBS सिंड्रोम, जानें इससे बचाव के उपाय:
नई दिल्ली: हाल ही में GBS (गिलियन बैरे सिंड्रोम) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों में चिंता का माहौल है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। एक हालिया मामले में, GBS के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु भी हो चुकी है। ऐसे में इसके लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
क्या है GBS सिंड्रोम?
गिलियन बैरे सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो शरीर की तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर कमजोरी, झुनझुनी और मांसपेशियों के कमजोर होने के रूप में शुरू होता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह सांस लेने और दिल की धड़कन पर भी असर डाल सकता है।
GBS के मुख्य लक्षण:
हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता
मांसपेशियों की कमजोरी
चलने में कठिनाई
सांस लेने या निगलने में परेशानी
तेज धड़कन या रक्तचाप में गिरावट
कैसे करें बचाव?
1. स्वास्थ्य का ध्यान रखें: किसी भी वायरल संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. साफ-सफाई बनाए रखें: बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान दें।
3. टीकाकरण: मौसमी फ्लू और अन्य संक्रमणों से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाएं।
4. समय पर इलाज: किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज न करें और तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।
विशेषज्ञों की राय:
डॉक्टरों का कहना है कि GBS सिंड्रोम दुर्लभ है, लेकिन यह गंभीर स्थिति बन सकती है। इसके लक्षण शुरू में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
पुणे: गिलियन बैरे सिंड्रोम का कहर, शोलापुर के व्यक्ति की मौत, 100 से अधिक बीमार:
पुणे, 28 जनवरी 2025: महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। शोलापुर के एक व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हो गई है, जबकि पुणे में अब तक 101 लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं। हालात गंभीर होते जा रहे हैं, क्योंकि 16 मरीजों की हालत नाजुक है और वे वेंटिलेटर पर हैं।
GBS के बढ़ते मामलों से दहशत का माहौल:
गिलियन बैरे सिंड्रोम, जो एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है, ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और यहां तक कि सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
आंकड़े और हालात:
पुणे में GBS के 101 मामलों की पुष्टि।
16 मरीज वेंटिलेटर पर, जिनकी हालत गंभीर है।
शोलापुर के व्यक्ति की मृत्यु से चिंता बढ़ी।
कुल मामलों की संख्या 100 के पार।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर:
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी आमतौर पर वायरल संक्रमण के बाद होती है। ऐसे में शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष:
GBS सिंड्रोम से घबराने के बजाय जागरूक रहें। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, लक्षणों को पहचानें, और समय पर चिकित्सा सहायता लें। सही जानकारी और सतर्कता से आप खुद को और अपने परिवार को इस बीमारी से बचा सकते हैं।
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