नई दिल्ली: अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच सियासी तकरार गहराती जा रही है। कांग्र...
नई दिल्ली: अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच सियासी तकरार गहराती जा रही है। कांग्रेस नेताओं द्वारा आप के खिलाफ लगातार तीखे बयान दिए जाने पर आप नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। AAP ने चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर कांग्रेस नेता अजय माकन पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने की मांग करेंगे।
आप का कांग्रेस पर गंभीर आरोपगुरुवार को पार्टी सांसद संजय सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा के बीच मिलीभगत है।
संजय सिंह: “अगर अरविंद केजरीवाल एंटी नेशनलिस्ट हैं, तो कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में उनसे प्रचार क्यों करवाया?”
आतिशी: “कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट देखकर लगता है कि कांग्रेस का मकसद भाजपा को फायदा पहुंचाना है।”
आरोपों की मुख्य बातें:
1. अरविंद केजरीवाल पर हमला:
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने केजरीवाल को एंटी नेशनलिस्ट बताया।
2. भाजपा से मिलीभगत का आरोप:
आतिशी ने कहा कि संदीप दीक्षित को केजरीवाल के खिलाफ उतारकर कांग्रेस भाजपा को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
3. फंडिंग का आरोप:
आतिशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रत्याशियों को भाजपा से पैसा मिल रहा है।
आप की मांग:
1. अजय माकन पर कार्रवाई:
आप नेताओं ने कांग्रेस को 24 घंटे का समय देते हुए कहा कि अगर माकन पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सहयोगी दलों से कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से बाहर करने की मांग करेंगे।
2. इंडिया गठबंधन पर सवाल:
संजय सिंह ने कहा, “हम हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते थे। लेकिन अब कांग्रेस के अपमानजनक रवैये को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
कांग्रेस का रुख और सियासी असर
कांग्रेस ने अब तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, अजय माकन का बयान और पार्टी के अन्य नेताओं के तेवर से यह स्पष्ट है कि दोनों दलों के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं।
इंडिया गठबंधन पर खतरा
यदि यह तकरार आगे बढ़ती है, तो इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में यह स्थिति भाजपा के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
विश्लेषण:
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों भाजपा के खिलाफ विपक्षी ताकत बनना चाहते हैं, वहीं आपसी कलह उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि गठबंधन के अंदरूनी विवाद अगर जल्द सुलझाए नहीं गए, तो यह विपक्ष के लिए चुनावी झटका साबित हो सकता है।
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