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31 दिसंबर: राज्य में चुनावी घोषणा का निर्णायक दिन

  रायपुर:  राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब सभी की नजरें 31 दिसंबर 2024 पर टिकी हैं। यह दिन चुनाव ...

 रायपुर: राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब सभी की नजरें 31 दिसंबर 2024 पर टिकी हैं। यह दिन चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए अहम माना जा रहा है। अगर इस दिन चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं होता, तो यह प्रक्रिया एक महीने के लिए टल सकती है। कारण यह है कि 1 जनवरी 2025 से नई मतदाता सूची पर काम शुरू हो जाएगा, जिससे चुनाव आयोग को प्रक्रिया में देरी करनी पड़ सकती है।


चुनाव आचार संहिता के सख्त दिशा-निर्देश:

राज्य सरकार ने चुनाव आचार संहिता के पालन के लिए 14 पन्नों की गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, चुनाव घोषणा के साथ ही सरकारी नियुक्तियों और तबादलों पर रोक लग जाएगी। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अवकाश के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।

मंत्रियों पर भी सख्त प्रतिबंध लागू होंगे। आचार संहिता के दौरान कोई नई परियोजना का उद्घाटन या भूमिपूजन नहीं किया जा सकेगा। निजी दौरों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल का उपयोग और सरकारी रेस्ट हाउस में अनधिकृत मुलाकातें भी प्रतिबंधित रहेंगी।

चुनावी प्रक्रिया पर नजर:

इस बार 14 नगर निगमों में से 10 में चुनाव होने हैं, जिनमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, और जगदलपुर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। कांग्रेस का दबदबा बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि पिछले चुनावों में 14 में से 13 नगर निगमों पर कांग्रेस का कब्जा था। लेकिन जगदलपुर की पूर्व महापौर साफिरा साहू के भाजपा में शामिल होने के बाद समीकरण बदल सकते हैं।

सख्त निगरानी और कार्रवाई की तैयारी:

चुनाव प्रचार सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, हथियारों के लेन-देन पर प्रतिबंध रहेगा और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक सरगर्मी तेज:

राज्य निर्वाचन आयोग की घोषणा का इंतजार हर वर्ग को है। 31 दिसंबर को संभावित घोषणा के साथ ही चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएंगी। अगर तारीखों की घोषणा में देरी होती है, तो राज्य की राजनीति और प्रशासनिक प्रक्रिया पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।

जनता की निगाहें आयोग पर:

अब सबकी निगाहें इस निर्णायक तारीख पर हैं। चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक दल अपने प्रचार अभियान में तेजी लाएंगे और राज्य में लोकतंत्र का यह पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा।


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