डिजिटल युग ने हमारी जिंदगी को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगी का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। आज, हमारी दैनिक ऑनला...
डिजिटल युग ने हमारी जिंदगी को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगी का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। आज, हमारी दैनिक ऑनलाइन गतिविधियां जैसे पर्यटन स्थलों की खोज, स्कूल-कॉलेज के बारे में जानकारी प्राप्त करना, या रेंटल कार सेवा का चयन करना, हमारी निजता के लिए चुनौती बन सकती हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते उपयोग ने साइबर अपराधियों को हमारी आदतों और गोपनीय जानकारी तक पहुंचने का आसान माध्यम प्रदान किया है। इससे बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।साइबर ठगी के सामान्य तरीके:
1. फर्जी ईमेल और कॉल्स:
बैंक या सरकारी विभाग के नाम पर त्रुटियों को ठीक करने के बहाने पैसे मांगना।
2. फर्जी आईडी:
दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर मदद मांगना।
3. डर का माहौल बनाना:
कस्टम जब्ती, पुलिस कार्रवाई, या अन्य झूठे दावों से पैसे ऐंठना।
4. अनजान लिंक और ओटीपी साझा करना:
लिंक पर क्लिक करके या ओटीपी साझा करके अपनी जानकारी को जोखिम में डालना।
सावधानी बरतने के उपाय:
1. किसी भी अनजान कॉल या ईमेल पर तुरंत विश्वास न करें। पहले सत्यापन करें।
2. कभी भी ओटीपी, बैंक विवरण या अन्य गोपनीय जानकारी साझा न करें।
3. अनावश्यक दबाव या डर में निर्णय न लें।
4. किसी भी प्रकार की ठगी की आशंका होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
समाधान: सतर्कता और जागरूकता:
साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी जानकारी साझा करते समय सोच-समझकर कदम उठाएं। गलतफहमी होने पर घबराने के बजाय विशेषज्ञों से सलाह लें। याद रखें, आपकी सावधानी ही आपकी सुरक्षा की कुंजी है।आपकी सतर्कता, आपकी सुरक्षा!
PUBLISHED BY GOURAV JHA
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