Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

अबूझमाड़ को नक्सल मुक्त बनाने की नई रणनीति: 2025 में खुलेंगे 40 नए कैंप

  रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने की दिशा में 2025 एक अहम साल साबित होने वाला है। राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प...

 रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने की दिशा में 2025 एक अहम साल साबित होने वाला है। राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से सुरक्षा बलों ने अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को समाप्त करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत आगामी वर्ष में क्षेत्र में 40 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएंगे।


2024 में बड़ी सफलता:

साल 2024 में सुरक्षा बलों ने नक्सल उन्मूलन में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। पूरे बस्तर क्षेत्र में 250 से अधिक नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए, जिनमें से 120 नक्सली अकेले अबूझमाड़ क्षेत्र में मारे गए। थुलथुली के जंगलों में हुई सबसे बड़ी मुठभेड़ में 38 नक्सलियों को ढेर किया गया।

अबूझमाड़: नक्सलियों की 'राजधानी':

लगभग 4,500 वर्ग किलोमीटर में फैला अबूझमाड़ क्षेत्र नक्सलियों के लिए हमेशा से सुरक्षित पनाहगाह रहा है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और घने जंगल नक्सलियों को अपनी रणनीति बनाने में मददगार साबित होते हैं। पुलिस के अनुसार, बस्तर में स्थायी शांति का रास्ता अबूझमाड़ से होकर गुजरता है। इसी कारण, 2025 में यहां विशेष ध्यान देते हुए सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन तेज करने का फैसला किया है।

केंद्रीय बलों की नई तैनाती:

अबूझमाड़ में ऑपरेशन को मजबूत करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की दो अतिरिक्त बटालियन तैनात की जाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रायपुर में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। जनवरी 2025 से फोर्स इस क्षेत्र की घेराबंदी शुरू करेगी, और बड़े नक्सली लीडरों को टारगेट किया जाएगा।

नक्सलियों के प्रमुख ठिकानों पर फोकस:

अबूझमाड़ में नक्सलियों के बड़े ट्रेनिंग कैंप संचालित होते रहे हैं, जहां नए भर्ती किए गए कैडरों को गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती है। फोर्स का मुख्य लक्ष्य इन ठिकानों को नष्ट करना है, ताकि नक्सलियों की भर्ती और ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी तरह बाधित हो सके।

नई रणनीति:

सुरक्षा बलों ने नए साल में ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के लिए रणनीति बदली है। अब जंगल में बड़े ऑपरेशनों को पुलिस और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से लीड करेंगे। एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारी भी सीधे इन ऑपरेशनों का हिस्सा बनेंगे।

सामाजिक बदलाव की शुरुआत:

अबूझमाड़ में नक्सलियों के सफाए के साथ-साथ वहां के गांवों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने और विकास कार्य तेज करने की भी योजना है। पुलिस और प्रशासन का मानना है कि अबूझमाड़ को नक्सल मुक्त बनाकर बस्तर के 70% क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित की जा सकेगी।

समाप्ति:

अबूझमाड़ में फोर्स के 40 नए कैंपों की स्थापना और नक्सलियों की घेराबंदी का यह मास्टर प्लान क्षेत्र को शांति और विकास के रास्ते पर ले जाने में निर्णायक साबित हो सकता है।


कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket