रायपुर। बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी और विधायक शैलेष पांडेय के बीच जारी घमासान पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है। चूंकि अनुशंसा का ही अधिकार है...
रायपुर। बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी और विधायक शैलेष पांडेय के बीच जारी घमासान पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है। चूंकि अनुशंसा का ही अधिकार है जिला कमेटी को तय तो पीसीसी को करना है। इस बड़े मामले पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मोहन मरकाम ने कहा है कि किसी को सीधे फांसी तो नहीं चढ़ा सकते, हमारे पास जब शिकायत आएगी तब हम नोटिस भेजेंगे, जरूरत पड़ी तो जांच कमेटी बनाएंगे। इसके बाद उचित होगा तो कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है कि बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने विधायक शैलेष पांडेय को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव पारित किया है।
कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय द्वारा दिए गए बयान को आधार बनाकर जिला कांग्रेस कमेटी ने बिलासपुर से कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय को पार्टी से 6 साल के लिए निकालने का प्रस्ताव पारित कर दिया था। इसे अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजा जाएगा। विधायक के खिलाफ पाटी को क्या कार्रवाई करना है यह फैसला प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ही करना है।
गौरतलब है कि विधायक शैलेष पांडेय ने अपने बयान में कहा था कि मैं मंत्री सिंहदेव का आदमी हूं, इसलिए जानबूझकर हम पर केस किया जा रहा है। असल में कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता और मंत्री सिंहदेव के समर्थक माने जाने वाले पंकज सिंह ने सीआईएमएस अस्पताल के कर्मचारियों के साथ विवाद हुआ था। इस मामले में बिलासपुर की पुलिस ने पंकज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। इसी मामले पर बयान देते हुए विधायक शैलेष पांडेय ने मामले को मंत्री सिंहदेव से जोड़ते हुए बयान दिया था।
बिलासपुर में उपजे विवाद को लेकर मोहन मरकाम ने कहा कि वहां जो भी घटना हुई वो दुखद है, ऐसा होना नहीं चाहिए। पुलिस ने भी केस दर्ज किया है, पुलिस जांच करके अपना काम करेगी। विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मोहन मरकाम ने कहा कि बड़बोलापन कभी -कभी भारी पड़ जाता है। हम सभी पार्टी के अनुशासन में बंधे हैं। इस तरह से सार्वजनिक बयानबाजी से पार्टी की छवि धूमिल होती है।
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