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एनएचएमएमआई अस्पताल ने नवजात की जटिल सर्जरी कर बचाई जान

  रायपुर-   हाल ही में एक 4 महीने के 4 किलोग्राम के नवजात को एनएचएमएमआई , रायपुर में गंभीर सांस की समस्या के साथ भर्ती किया गया । बच्चे की...

 


रायपुर- हाल ही में एक 4 महीने के 4 किलोग्राम के नवजात को एनएचएमएमआई , रायपुर में गंभीर सांस की समस्या के साथ भर्ती किया गया । बच्चे की स्थिति की जांच डॉक्टर किंजल बक्षी , सीनियर पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट ने की और पाया कि बच्चे को टीएपीवीसी ( एनोमलस पल्मोनरी वीनस कनेक्शन ) नामक जन्मजात हृदय रोग है । यह एक दुर्लभ रोग है जो सभी जन्मजात हृदय रोगों में केवल 1.5 से 3 फ़ीसदी तक ही देखा जाता है । इस रोग के तहत फेफड़ों से आने वाला रक्त हृदय के बाईं ओर के बजाय दायीं ओर जाने लगता है । इस रोग के साथ जन्म लेने वाले केवल 10 फ़ीसदी बच्चे ही जीवन का पहला साल देख पाते हैं ।

इस स्थिति का इलाज इमरजेंसी कॉम्प्लेक्स सर्जिकल रिपेयर है । एनएचएमएमआई की सीटीवीएस टीम ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया जिसमें डॉक्टर पीके हरी कुमार , सीनियर कार्डियोथोरेसिक सर्जन और सीनियर कार्डियक एनेस्थीसिस्ट्स डॉक्टर राकेश कुमार चंद और डॉक्टर अरुण अन्डापन , डॉक्टर तेज कुमार वर्मा , कार्डियक सर्जन और अश्विनी कुमार , पेप [ शनिस्ट शामिल थे ।

‌क्योंकि नवजात के माता पिता फीस दे पाने में असमर्थ थे , इसलिए सर्जरी के सरकार की योजना के तहत किया गया जिसके अंतर्गत माता पिता की स्थिति को देखते हुए यह सर्जरी मुफ्त में की गई ।

सर्जरी के बाद बच्चे की स्थिति में सुधार को देखते हुए सातवें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई । नवीन शर्मा , फैसिलिटी डायरेक्टर , एनएचएमएमआई अस्पताल ने कहा कि एन एचएमएमआई का कार्डियक साइंसेज विभाग स्पेशेलाइज़्ड और व्यापक विभाग है जो वयस्कों के साथ साथ नवजात मरीज़ों में भी जटिल इलाज व प्रोसीजर करने में सक्षम है ।


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