रायपुर। इस बारिश के सीजन में पहली बार प्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ के हालात नजर आ रहे हैं तब जबकि मानसून के विदा होने की चर्चा होने लगी ...
रायपुर। इस बारिश के सीजन में पहली बार प्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ के हालात नजर आ रहे हैं तब जबकि मानसून के विदा होने की चर्चा होने लगी थी। पिछले तीन दिनों से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। सबसे अधिक खराब गरियाबंद की हालत दिख रही है। यहां बीते 24 घंटों में 535.7 मिलीमीटर बरसात हुई। इसकी वजह से सभी नदी-नालों में बाढ़ आ गई। मालगांव के पास नेशनल हाइवे पर पानी बहने लगा। इसकी वजह से गरियाबंद-रायपुर के बीच आवागमन को बंद कर दिया गया है।
भारी बारिश के बीच बांध भी छलकने लगे। रात में प्रशासन ने सिकासेर गेट के 17 गेट खोलने का फैसला किया। इससे 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इंचार्ज अधिकारी उत्तम सिंह ध्रुव ने बताया कि बांध के 22 गेट में से 17 गेट को खोल दिया गया ,अब 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वेस्ट वियर से भी पानी छोड़ा जा रहा है। बांध में लगे बिजली उत्पादन यूनिट भी चालू कर दिया गया है। इसका पानी सीधे पैरी नदी में जाता है। गरियाबन्द मुख्यालय में जेल रोड ,महाविद्यालय, मजरकटा, पैरी कालोनी ,कोकड़ी आमदी के इलाके में घुटने भर से ज्यादा पानी भर गया है। वंही नदी किनारे बसे गांव पटोरा, चिखली, पाथर मोहन्दा, भिलाई, नहरगांव, मालगांव, बारूका, जलकुम्भी, गाहदर में पानी घुस गया है। प्रशासन ने नदी के निचले हिस्सों में रहने वाले गांवों को खाली कराना शुरू किया है। कलेक्टर ने टीएलई बैठक निरस्त कर सभी एसडीएम को तटीय इलाके में तैनात रहने का निर्देश दिया।
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