मनोरंजन : हिंदी फीचर फिल्म मानव मार्केट की लीड एक्ट्रेस नेहा शुक्ला जो की एक मॉडल और एक्ट्रेस हैं। जिन्होने कई ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के लिए मॉ...
मनोरंजन : हिंदी फीचर फिल्म मानव मार्केट की लीड एक्ट्रेस नेहा शुक्ला जो की एक मॉडल और एक्ट्रेस हैं। जिन्होने कई ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के लिए मॉडलिंग की हैं। मानव मार्केट उनकी पहली हिंदी फिल्म है।
नेहा शुक्ला ने अपने अभिनय की बारीकियों को साधने के लिए रंगमंच से भी जुड़ी रहीं। नेहा शुक्ला की कास्टिंग जब फिल्म मानव मार्केट में की गई तो निर्देशक गु़लाम हैदर मंसूरी ने उनके सामने पहली शर्त रखी की उन्हें वर्कशॉप अटैंड करना होगा। चूंकि नेहा ख़ुद भी कैरेक्टर को प्ले करने से पहले इसकी तैयारी पे काम करना चाहती थी तो निर्देशक की ये शर्त उनके लिए एक अच्छी अर्पोचुनिटी बन गई। अपने वर्कशॉप का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए वो बताती हैं कि निर्देशक गु़लाम हैदर मंसूरी हर कलाकार को दो बातें हमेशा बोलते हैं। पहली की डायलॉग को याद नही किया जाता इन्फैक्ट समझा जाता है और अभिनय न करना ही, अभिनय है। वर्कशॉप में ये दो बातें एकदम नई पता चली मुझे। नेहा बताती हैं कि इन दो बांतों को ध्यान में रखते हुए जब मैने तैयारी की तो मैने देखा की डायलॉग को समझ लेने पर उसका फ्लो, निर्देशक के मार्गदर्शन में समझ में आने लगता है की किस डायलॉग को कैसे बोलना है। और जब आप अभिनय करने पर ज़ोर नही लगाते हो तो, आपका अभिनय इतना नेचुरल हो जाता है जैसे हम ख़ुद वो कैरेक्टर हों, जिसे हम निभा रहे हैं। लेकिन निर्देशक गु़लाम हैदर मंसूरी का ये भी कहना रहता है की, कट बोलते ही आप उस कैरेक्टर से बाहर आ जाओ और फिर एक्शन बोलने के पहले जैसे ही डायरेक्टर मूड़़ बोले, आप उस कैरेक्टर में चले जाओ। ये बहुत कठिन था पर उनके गाइडेंस में ये हो गया। नेहा बतातीं हैं कि इन सभी तैयारियों के बीच वो एक दिन बहुत ज्यादा डर गईं, जब कुछ दिनों की वर्क-शॉप के बाद शूटिंग का दिन नज़दीक आ गया था। तब उन्होने मुझे बुलाकर मुझसे कहा की काजल के रोल को प्ले करने के लिए जो पोटेंशियल मुझे फिल्म की हिरोइन में चाहिए वो इतनी दिनों की वर्क-शॉप के बाद भी तुम में नज़र नही आ रहा है और अगर अभी मेरा निर्णय पूछो तो मैं यही कहुंगा की तुम इस फिल्म में नही हो। इतना सुनते ही मेरा तो सिर चकरा गया। कि इतना बेहतरीन कैरेक्टर मेरे हांथ से निकल गया। तब उन्होने एक बात और कही की नेहा तुमने बहुत ही समर्पण के साथ वर्क-शॉप अटैंड किया है। मेरी हर बात मानी है और अपने एक्स्ट्रीम लेवल तक जाके इस कैरेक्टर को समझने की कोशिशि की है। इसलिए मैं तुम्हें दो दिन का और समय देता हें। इन दो दिनों में तुम अगर जितना मैं चाहता हुं उसका 60 परसेंट तक भी कर जाओ तो बाकी मैं शूट के दौरान करवा लूंगा। उन दो दिनों तक मेरी नींद और भूख़ प्यास सब ग़ायब हो गई। काजल का कैरेक्टर ऐसा की बिना चेहरे के किसी भी अंश को हिलाए अपको अपने हर एक्प्रेशन देना है। बहुत ज्यादा टफ था। कभी-कभी तो मुझे रोना भी आ जाता। उस दिन मुझे समझ आ गया था की एक्टिंग इतनी आसान नही जितना लोगों को लगता है। उसके बाद मैं बस काजल को समझने की कोशिश में लगी रही और फिर दो दिन बाद मैं जब उनके पास गई और उन्होने मुझे अपने पास बुलाया तो पहले रिलेक्स किया फिर संवाद बोलने को कहा। मैने जैसी तैयारी की थी वैसे पूरा संवाद विथ एक्टिंग करके दिखा दिया। फिर शांत बैठ गई। वो भी शांत थे। फिर उन्होने कहा कि, ओ.के., तुम कर लोगी। तब मेरी जान में जान आई और आंखों में आंसु। हालांकि अभी भी मैं इस डाउट में थी की बहुत सारी चीजें हैं जो मैं कैसे करूंगी मुझे पता नही। पर जब शूट में हैदर सर के निर्देशन में मैने काम करना शुरू किया तो सब बहुत आसानी से हो गया। तब मुझे वर्कशॉप की अहमियत समझ में आई की आज जो ये सब इतनी आसानी हो रहा है ये उसी वर्क-शॉप का कमाल है। शूट कम्पलीट होने के बाद हैदर सर ने मुझसे कहा की, एज़ एन एक्टर तुम्हारे अंदर बहुत संभावनाएं हैं। अगर तुम इसी तरह लगातार मेहनत करती रही तो बहुत बेहतरीन एक्ट्रेस बनोगी। इन्फैक्ट अपने अनुभव के आधार पर अभी भी तुम बहुत अच्छी एक्ट्रेस हो। मुझे उनसे ये सुनकर बहुत ख़ुशी हुई। काजल का कैरेक्टर बहुत ही कमाल का कैरेक्टर है। हमारी फिल्म मानव मार्केट जिस मुद्दे स्वास्थ्य सेवा बनाम स्वास्थ्य व्यवसाय को लेकर बनाई गई है उसमें बहुत अहम् भूमिका निभाता है मेरा काजल का कैरेक्टर। फिल्म 19 दिसम्बर 2025 से छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सिनेमाधरों में रिलीज़ हो रही है।


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