जगदलपुर में 'बिटिया सम्मान' — मेधावी छात्राओं को सम्मान, बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प ...
जगदलपुर में 'बिटिया सम्मान': मेधावी छात्राओं का सम्मान, बाल विवाह के खिलाफ सार्वजनिक संकल्प
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने आयोजित ‘‘बिटिया सम्मान’’ कार्यक्रम ने न केवल मेधावी छात्राओं को मंच दिया, बल्कि बाल विवाह विरोधी संदेश को भी जन-आंदोलित स्वरूप दिया — एक ऐसा प्रयास जो स्थानीय नेतृत्व और समाज के बीच तालमेल का परिचायक बना।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगदलपुर के विधायक श्री किरण देव रहे, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि "हमारी बेटियाँ अब हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के साथ नये आयाम गढ़ रही हैं।" उन्होंने प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के महत्व पर भी प्रकाश डाला और बाल विवाह को कानूनी व सामाजिक रूप से खतरनाक करार दिया।
महापौर श्री संजय पांडे ने विभाग की सराहना करते हुए कहा — "नारी शक्ति राष्ट्र शक्ति है" — और कार्यक्रम में शामिल सभी जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ का सार्वजनिक संकल्प लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। मंच पर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ पर आधारित नुक्कड़ नाटक ने दर्शकों को प्रभावित किया, वहीं स्वास्थ्य जांच शिविर और विभागीय प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को व्यावहारिक रूप दिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के लिए जागरूकता तथा समुदाय में सकारात्मक विचारों का विस्तार भी था।
इस अवसर पर जिला निकायों के प्रमुख एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे — जिनमें निगम अध्यक्ष श्री खेमसिंह देवांगन, एमआईसी सदस्य निर्मल पानीग्राही, तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक प्रमुख रूप से शामिल रहे। दसवीं और बारहवीं कक्षा की मेधावी छात्राओं का सम्मान समारोह की विशेष झलक रहा।
स्थानीय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम केवल पुरस्कार-स्रोत नहीं रहते; वे सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध समुदाय को संगठित करने का माध्यम भी बनते हैं। इस संदर्भ में जगदलपुर का यह प्रयास रोडमैप प्रदान करता है कि किस प्रकार सरकारी नीतियाँ और स्थानीय नेतृत्व मिलकर धरातल पर बदलाव ला सकते हैं।
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