• छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने उठाए धर्मांतरण पर गंभीर सवाल, : • सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सरकारी उदासीनता पर गंभीर सवाल : जगदलपुर : छत...
• छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने उठाए धर्मांतरण पर गंभीर सवाल, :
• सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सरकारी उदासीनता पर गंभीर सवाल :
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख नेता अरविंद नेताम ने एक प्रेस वार्ता में केंद्र और राज्य सरकारों सहित समस्त राजनीतिक दलों पर आदिवासी समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसद से लेकर सड़कों तक कुछ विशेष वर्गों के लिए आवाज़ बुलंद की जाती है, लेकिन आदिवासी समाज की वास्तविक समस्याओं को नज़रअंदाज़ किया जाता है।
अरविंद नेताम ने स्पष्ट कहा कि "आदिवासी समाज अब यह समझने लगा है कि उसके प्रति न तो राजनीतिक सहानुभूति है और न ही संवेदनशीलता।" उन्होंने ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे कथित धर्मांतरण के प्रयासों को लेकर भी गंभीर चिंता जताई और आरोप लगाया कि "विदेशी फंडिंग के माध्यम से सेवा कार्यों की आड़ में सुनियोजित धर्मांतरण किया जा रहा है, खासकर बस्तर और अबुझमाड़ जैसे क्षेत्रों में।"
प्रेस वार्ता में नेताम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार देने संबंधी हालिया फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि "आदिवासी समाज की परंपराएं, संस्कृति और कुल-देवताओं से जुड़ी भूमि व्यवस्था इस निर्णय से प्रभावित हो सकती है। बिना सामाजिक विमर्श के ऐसे निर्णयों से भविष्य में विवाद और मुकदमों की संख्या बढ़ सकती है।"
उन्होंने यह भी मांग रखी कि भारत सरकार आदिवासी विकास के लिए स्वीकृत बजट और विदेशों से आने वाली मिशनरी फंडिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित करे। "क्या भारत सरकार की योजनाएं कमजोर हैं, जो आदिवासी समाज को विदेशी मदद पर निर्भर होना पड़ रहा है?" उन्होंने सवाल उठाया।
अरविंद नेताम ने अंत में आग्रह किया कि "सरकार और न्यायपालिका आदिवासी समाज की परंपराओं, कस्टमरी लॉ और धार्मिक-सांस्कृतिक संरचना को समझते हुए ही कोई निर्णय लें, अन्यथा यह समाज के भीतर असंतोष और विघटन का कारण बन सकता है।"
आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम, बस्तर जिला अध्यक्ष दशरथ सिंह कश्यप भी मौजूद थे।


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