बस्तर दशहरा 2025: पाट जात्रा से हुई 75 दिवसीय पर्व की शुरुआत जगदलपुर, 23 जुलाई 2025 | विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा ...
बस्तर दशहरा 2025: पाट जात्रा से हुई 75 दिवसीय पर्व की शुरुआत
जगदलपुर, 23 जुलाई 2025 |
विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत आज हरेली अमावस्या के शुभ अवसर पर पाट जात्रा पूजा विधान के साथ हो रही है। यह पर्व देवी मां दंतेश्वरी को समर्पित है और कुल 75 दिनों तक पारंपरिक पूजा विधान, धार्मिक रीतियों और जनसहभागिता के साथ मनाया जाता है।
जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, पुजारी, पटेल, नाईक-पाईक, सेवादारों द्वारा रथ निर्माण के लिए ठुरलू खोटला रस्म अदा की जाएगी।
बस्तर दशहरा समिति ने आम नागरिकों, ग्रामीणों और सभी परंपरागत पदाधिकारियों को आमंत्रित किया है कि वे इस धार्मिक आयोजन में सहभागी बनें।
पूजा विधान की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
- 05 सितम्बर (शुक्रवार): डेरी गड़ाई
- 21 सितम्बर (रविवार): काछनगादी
- 22 सितम्बर (सोमवार): कलश स्थापना
- 23 सितम्बर (मंगलवार): जोगी बिठाई
- 24-29 सितम्बर: नवरात्रि पूजा एवं रथ परिक्रमा
- 29 सितम्बर: बेल पूजा
- 30 सितम्बर: महाअष्टमी एवं निशा जात्रा
- 01 अक्टूबर: कुंवारी पूजा, जोगी उठाई एवं मावली परघाव
- 02 अक्टूबर: भीतर रैनी पूजा व रथ परिक्रमा
- 03 अक्टूबर: बाहर रैनी पूजा व रथ परिक्रमा
- 04 अक्टूबर: काछन जात्रा एवं मुरिया दरबार
- 05 अक्टूबर: कुटुम्ब जात्रा (ग्राम्य देवी-देवताओं की विदाई)
- 07 अक्टूबर (मंगलवार): मावली माता की डोली की विदाई
यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि बस्तर की आदिवासी सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक भी है। दशहरा यहां रावण वध से नहीं, बल्कि शक्ति की आराधना और प्रकृति पूजन से जुड़ा है।
“बस्तर दशहरा आत्मा है उस परंपरा की, जिसमें धर्म, प्रकृति और जनसहभागिता एक सूत्र में बंधे हैं।”
रिपोर्ट: 4thColumn भारत संवाददाता
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