एसी कोच में गंदे कंबलों से परेशान यात्री: बिलासपुर जोन में हर महीने सिर्फ एक बार होती है धुलाई, 5338 लोगों ने की शिकायतें: बिलासपुर : रेलव...
एसी कोच में गंदे कंबलों से परेशान यात्री: बिलासपुर जोन में हर महीने सिर्फ एक बार होती है धुलाई, 5338 लोगों ने की शिकायतें:
बिलासपुर : रेलवे के एसी कोचों में सफर करने वाले यात्रियों को जिस सुविधा की सबसे अधिक उम्मीद होती है—स्वच्छता और आराम—वही अब सवालों के घेरे में है। ताजा जानकारी के अनुसार, बिलासपुर जोन के एसी कोचों में यात्रियों को दिए जा रहे कंबलों की धुलाई महीने में सिर्फ एक बार हो रही है।
यात्रियों की शिकायत है कि इन कंबलों से बदबू आती है और वे साफ-सुथरे नहीं होते। रेलवे अटेंडेंट इन्हीं पुराने कंबलों को "धुला हुआ" बताकर यात्रियों को सौंप रहे हैं। इस लापरवाही का नतीजा यह रहा कि बीते एक साल में 5338 यात्रियों ने गंदे बेड रोल की शिकायत दर्ज कराई है।
रेलवे के नियमों के अनुसार, एसी कोच में दिए जाने वाले बेड रोल—जिसमें चादर, तकिया और कंबल शामिल होते हैं—की नियमित अंतराल पर धुलाई अनिवार्य है। लेकिन बिलासपुर जोन में कंबलों की सफाई व्यवस्था बेहद लचर है। हर कंबल को केवल 30 दिन में एक बार धोया जा रहा है, जो कि स्वच्छता मानकों के बिल्कुल खिलाफ है।
यात्रियों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से न केवल स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि रेलवे की साख भी घटती है। कई यात्रियों ने बताया कि उन्होंने मजबूरी में कंबल लेना ही बंद कर दिया है।
रेल प्रशासन का जवाब:
इस मुद्दे पर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्दी ही धुलाई की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। भविष्य में हर यात्रा के बाद कंबलों की सफाई सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार उपयोग किए गए और बिना धुले कंबल त्वचा संबंधी रोगों, एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। एसी कोच में बंद वातावरण के कारण संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है।
निष्कर्ष:
रेलवे जैसे बड़े और भरोसेमंद संस्थान के लिए यह गंभीर चेतावनी है। यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब समय आ गया है कि रेलवे स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और यात्रियों को भरोसेमंद सेवा प्रदान करे।
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