छत्तीसगढ़ में नई उम्मीदों की शुरुआत : मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ, मांस-हड्डी तस्करी पर सख्ती रायपुर : छत्तीसगढ़ की धरती...
छत्तीसगढ़ में नई उम्मीदों की शुरुआत : मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ, मांस-हड्डी तस्करी पर सख्ती
रायपुर : छत्तीसगढ़ की धरती पर आज ग्रामीण विकास और पशुपालन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत करते हुए प्रदेश सरकार ने न केवल दूध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाया है, बल्कि अवैध पशु तस्करी के खिलाफ भी सख्त संदेश दिया है।
प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि योजना के तहत शुरूआत में छह जिलों को चयनित किया गया है, जिसमें कोंडागांव जिला अग्रणी है। यहां ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण दुधारू गायें वितरित की गईं, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार और पोषण की दिशा में मजबूती मिले।
मंत्री कश्यप ने बताया कि इस योजना के लिए 16 दिसंबर को केंद्रीय सहकारिता मंत्री के समक्ष एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। अब उसी समझौते के तहत प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को आत्मनिर्भरता के नए मानकों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे गुजरात और अन्य राज्यों में इस योजना से ग्रामीणों की आमदनी में इज़ाफा हुआ है, वैसे ही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण भी इससे लाभान्वित होंगे।
अवैध तस्करी पर सरकार सख्त:
पशु कल्याण के प्रति संवेदनशील रुख अपनाते हुए मंत्री कश्यप ने पशु मांस और हड्डियों की अवैध तस्करी को लेकर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों में लिप्त व्यक्तियों या गिरोहों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिलासपुर दौरे के दौरान कछुए की तस्करी की शिकायत मिलते ही उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि "पशुओं की अवैध तस्करी न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों के भी विरुद्ध है। सरकार इस पर बिल्कुल भी समझौता नहीं करेगी।"
यह योजना न केवल ग्रामीणों को स्वरोजगार और पोषण का साधन उपलब्ध कराएगी, बल्कि प्रदेश में पशुपालन को नई दिशा देगी। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल समाज, प्रकृति और अर्थव्यवस्था—तीनों के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आई है।
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