नांदगांव की ‘मुफ्त-उपहार’ पहल बनी रायपुर नलजल योजना की प्रेरणा: राजा बलराम बहादुर दास ने दिए थे दो लाख रुपये: रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधा...
नांदगांव की ‘मुफ्त-उपहार’ पहल बनी रायपुर नलजल योजना की प्रेरणा: राजा बलराम बहादुर दास ने दिए थे दो लाख रुपये:
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की जल व्यवस्था की नींव एक प्रेरणादायक इतिहास में छिपी है। नलजल योजना, जो आज शहरवासियों के लिए जीवनरेखा बन चुकी है, उसकी प्रेरणा नांदगांव की एक अनूठी पहल से मिली थी। नांदगांव रियासत के राजा बलराम बहादुर दास ने इस योजना को साकार रूप देने के लिए दो लाख रुपये का उदार दान दिया था। उस समय यह राशि असाधारण मानी जाती थी और उनके योगदान ने आधुनिक रायपुर की बुनियाद को मजबूत किया।
इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि सन् 1818 में अंग्रेजों ने रायपुर को 'छत्तीसगढ़ सूबे' की राजधानी घोषित किया, और आगे 1854 में इसे संभाग का मुख्यालय बनाया गया। प्रशासनिक दृष्टि से इसकी भूमिका लगातार बढ़ती रही और 1861 में जब रायपुर जिला बना, तब इसे जिले का मुख्यालय भी बनाया गया। इस विकास यात्रा में पानी जैसी मूलभूत सुविधा को लेकर उठाया गया यह कदम ऐतिहासिक बन गया।
नांदगांव की 'मुफ्त-उपहार' योजना, जिसमें नागरिकों को निःशुल्क जल सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, ने रायपुर में नलजल योजना की अवधारणा को जन्म दिया। यह पहल न केवल उस दौर के लिए प्रगतिशील थी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक आदर्श बनी।
राजा बलराम बहादुर दास का यह योगदान केवल एक वित्तीय सहायता नहीं था, बल्कि यह सामाजिक समर्पण और दूरदर्शिता का प्रतीक था। उनकी यह पहल आज भी रायपुर के नागरिकों की स्मृतियों में एक गौरवशाली अध्याय के रूप में जीवित है।
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