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शहादत से पहले पत्नी को आखिरी कॉल: "स्नेहा, बीमा की राशि ले लेना... साहू से मिल लेना"

  शहादत से पहले पत्नी को आखिरी कॉल: "स्नेहा, बीमा की राशि ले लेना... साहू से मिल लेना : सुकमा, छत्तीसगढ़ : देश के लिए अपने प्राण न्यौछा...

 

शहादत से पहले पत्नी को आखिरी कॉल: "स्नेहा, बीमा की राशि ले लेना... साहू से मिल लेना :

सुकमा, छत्तीसगढ़ : देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले ASP आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत से पहले की आखिरी बातचीत, दिल को छू लेने वाली है। नक्सली हमले में दोनों पैर गंवा चुके आकाश राव ने अंतिम क्षणों में अपनी पत्नी स्नेहा को फोन किया। उनकी आवाज़ में न दर्द था, न डर—बस एक फर्ज़ निभाने की तसल्ली और अपनों की चिंता थी।

उन्होंने स्नेहा से कहा, "बीमा की रकम लेने साहू से मिल लेना।"

शब्द साधारण थे, पर उनके पीछे छुपा साहस और कर्तव्य भावना असाधारण थी।


दोस्तों ने कहा: "वो गोलियों के बीच भी डटे रहे:

आकाश के साथी बताते हैं कि जब IED ब्लास्ट हुआ, वह गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। बावजूद इसके, उन्होंने हथियार नहीं छोड़ा।

एक दोस्त ने बताया, "वो फायरिंग करते रहे... जैसे नक्सलियों को बता रहे हों कि मैं अभी जिंदा हूं, लड़ रहा हूं।"

उनके साथियों ने कहा कि आकाश को कई बार ट्रांसफर ऑफर हुआ, लेकिन उन्होंने हर बार यह कहकर मना कर दिया—"जहां देश को ज़रूरत है, वहीं रहूंगा।"


कर्तव्य और प्रेम की मिसाल बने ASP गिरिपुंजे:

ASP गिरिपुंजे का जीवन एक ऐसे सच्चे योद्धा की कहानी है, जो न केवल नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले रहा, बल्कि अपने आखिरी पलों तक अपने कर्तव्यों और परिवार दोनों को याद करता रहा।

उनकी अंतिम कॉल, सिर्फ एक संवाद नहीं था—वह एक वचन था, एक संदेश था:

"देश से प्रेम सर्वोपरि है, पर अपनों को भूला नहीं जाता।"


भारत मां का यह सपूत अमर रहेगा।

शत् शत् नमन। 🇮🇳



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