छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और नक्सलवाद गंभीर चिंता: अरविंद नेताम बोले – आदिवासी समाज और संघ मिलकर करें काम: रायपुर : छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समा...
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और नक्सलवाद गंभीर चिंता: अरविंद नेताम बोले – आदिवासी समाज और संघ मिलकर करें काम:
रायपुर : छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने कहा है कि प्रदेश में धर्मांतरण और नक्सलवाद जैसी जटिल समस्याएं तेजी से उभर रही हैं, जिनसे निपटने के लिए संघ (RSS) और आदिवासी समाज को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, "संघ ही एकमात्र ऐसी संस्था है, जो इस लड़ाई में हमारी वास्तविक मदद कर सकती है।"
नेताम गुरुवार को नागपुर में आयोजित एक सामाजिक समागम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "बस्तर अंचल में धर्मांतरण की स्थिति गंभीर है और इससे हमारी सांस्कृतिक पहचान खतरे में है। संघ और समाज यदि साथ आएं, तो हम इन समस्याओं से पार पा सकते हैं।"
राजनीतिक हलचल तेज:
नेताम के बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनय बैज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह RSS की भाषा है। नेताम अब संघ के सुर में बोल रहे हैं। हमें समझना होगा कि धर्म और संस्कृति के नाम पर किसी एजेंडे को नहीं थोपा जा सकता।"
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान को कांग्रेस पर तीखा हमला करने के मौके के तौर पर देखा। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "कांग्रेस सरकार के 5 सालों में चर्चों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई, जिससे यह स्पष्ट है कि वे किस एजेंडे को बढ़ावा दे रहे थे।"
समाज में मिली-जुली प्रतिक्रिया:
नेताम के बयान पर आदिवासी समाज के भीतर भी मतभेद उभरते दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे संस्कृति की रक्षा की दिशा में साहसिक कदम बताया है, तो कुछ ने इसे राजनीतिक ध्रुवीकरण की शुरुआत कहा है।
निष्कर्ष:
अरविंद नेताम का यह बयान न केवल छत्तीसगढ़ की वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक स्थिति पर प्रकाश डालता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि आने वाले समय में आदिवासी राजनीति एक नए मोड़ पर जा सकती है, जहां धर्म, संस्कृति और सुरक्षा जैसे मुद्दे निर्णायक भूमिका निभाएं
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