बरसात आई नहीं, लेकिन गिट्टी की कीमतें आसमान पर: रायपुर: राजधानी में मानसून की पहली बूँदें अभी ज़मीन को छू भी नहीं पाई हैं, लेकिन रेत और ग...
बरसात आई नहीं, लेकिन गिट्टी की कीमतें आसमान पर:
रायपुर: राजधानी में मानसून की पहली बूँदें अभी ज़मीन को छू भी नहीं पाई हैं, लेकिन रेत और गिट्टी के कारोबारी पहले ही भाव बढ़ा चुके हैं। कंस्ट्रक्शन की तैयारी कर रहे लोगों को अब जेब और भारी करनी होगी, क्योंकि गिट्टी की कीमत अचानक 20 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये प्रति घनफीट कर दी गई है।
बिना बारिश के ही इस ‘भाव वर्षा’ ने मकान बनाने का सपना देख रहे लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। शहर के कई इलाकों में ठेकेदार और आम लोग परेशान हैं, क्योंकि एक ट्रक गिट्टी पर अब करीब 7000 रुपए तक अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
वज़न से गिट्टी बेचने की उठी मांग:
निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों और उपभोक्ताओं की राय है कि गिट्टी की बिक्री अब ‘फीट’ की बजाय ‘वजन’ के आधार पर होनी चाहिए। इससे न सिर्फ पारदर्शिता आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं को उचित दाम भी मिलेगा।
क्या कहते हैं जानकार?
स्थानीय बिल्डर मनोज श्रीवास्तव बताते हैं, “मॉनसून से पहले ही दाम बढ़ाना अनुचित है। ऊपर से कोई नियामक व्यवस्था भी नहीं है, जिससे रेट कोई भी मनमर्जी से तय कर लेता है।”
एक ओर जहां महंगाई हर जेब पर असर डाल रही है, वहीं निर्माण सामग्री की बेतहाशा बढ़ती कीमतें मध्यम वर्ग के सपनों पर पानी फेर सकती हैं।
सरकार की चुप्पी भी सवालों के घेरे में:
लोगों का सवाल है—जब अभी बारिश भी नहीं हुई, खदानों तक पहुंचने में कोई बड़ी बाधा नहीं आई, तो फिर यह अचानक दाम क्यों बढ़ा दिए गए? प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई या बयान नहीं आया है।
अब देखना यह होगा कि महंगाई की इस ईंट-गिट्टी पर सरकार क्या रुख अपनाती है, और क्या भोपालवासियों का घर बनाने का सपना फिर से मजबूत नींव पा सकेगा?
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