देश का पहला जीरो-डंपसाइट शहर बना अंबिकापुर: वायु प्रदूषण नियंत्रण में बना देश का आदर्श मॉडल अंबिकापुर (छत्तीसगढ़): देश में स्वच्छता और पर...
देश का पहला जीरो-डंपसाइट शहर बना अंबिकापुर: वायु प्रदूषण नियंत्रण में बना देश का आदर्श मॉडल
अंबिकापुर (छत्तीसगढ़): देश में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंबिकापुर शहर ने खुद को भारत का पहला 'जीरो-डंपसाइट' शहर घोषित कर दिया है। अब यहां कोई भी कचरा खुले में नहीं फेंका जाता, न ही कोई डंपिंग ग्राउंड अस्तित्व में है। इस उपलब्धि को सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (CSE) ने वायु प्रदूषण नियंत्रण का आदर्श मॉडल करार दिया है।
सीएसई ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत जारी की, जिसमें अंबिकापुर के ठोस कचरा प्रबंधन मॉडल को देशभर के शहरों के लिए अनुकरणीय बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि अंबिकापुर न केवल वायु प्रदूषण कम करने में सफल रहा, बल्कि इसने कचरे से कमाई का नया रास्ता भी खोज निकाला।
जहाँ पहले कचरे की ढुलाई में नगर निगम को हर महीने लगभग ₹45 लाख का खर्च आता था, वहीं अब यही कचरा उद्योगों को प्रोसेस्ड सप्लाई कर आय का साधन बन गया है। गीले-सूखे कचरे को अलग कर शहर की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वैज्ञानिक तरीके से इसका प्रबंधन किया जाता है। इससे एक ओर रोजगार के अवसर बढ़े हैं, वहीं दूसरी ओर स्वच्छता के स्तर ने नया कीर्तिमान रच दिया है।
मुख्य विशेषताएँ::
अंबिकापुर बना भारत का पहला जीरो-डंपसाइट शहर
CSE की रिपोर्ट में वायु प्रदूषण नियंत्रण का आदर्श मॉडल घोषित
₹45 लाख प्रतिमाह की बचत, कचरे से हो रही आर्थिक आमदनी
महिला समूहों की भूमिका से सामाजिक सशक्तिकरण भी
इस अभूतपूर्व सफलता ने अंबिकापुर को एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति, सामाजिक भागीदारी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण मिलते हैं, तब एक छोटा शहर भी देशभर में मिसाल बन सकता है।
"स्वच्छता सिर्फ सफाई नहीं, एक संस्कार है – और अंबिकापुर इसका प्रमाण है।"
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