नई दिल्ली, 25 मई 2025: भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्...
नई दिल्ली, 25 मई 2025: भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने शनिवार, 24 मई को घोषणा की कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान प्राप्त कर लिया है। यह घोषणा नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के बाद की गई।
तीव्र विकास दर और जनसांख्यिकीय लाभ
सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की यह उपलब्धि उसकी स्थिर आर्थिक नीतियों, तेज GDP वृद्धि दर, युवा कार्यबल और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के चलते संभव हुई है। उन्होंने कहा कि जबकि विकसित देश जैसे जापान और जर्मनी जनसंख्या गिरावट की समस्या से जूझ रहे हैं, भारत की युवा जनसंख्या उसे स्थायी विकास की दिशा में अग्रसर कर रही है।
डिजिटल और वैश्विक प्रभाव
भारत आज वैश्विक डिजिटल भुगतान का नेतृत्व कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं ने भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है।
आर्थिक आँकड़े और भविष्य की राह
IMF और वर्ल्ड बैंक के अनुमानों के अनुसार, भारत की GDP वर्तमान में $4.2 ट्रिलियन के करीब है, जिससे वह जापान से आगे निकल चुका है। नीति आयोग का अनुमान है कि भारत 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
चुनौतियां भी हैं
सुब्रह्मण्यम ने आगाह किया कि भारत को मिडल-इनकम ट्रैप से बचने के लिए शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और नवाचार के क्षेत्र में लगातार सुधार करने होंगे। उन्होंने कहा, "विकास का आंकड़ा तब तक अधूरा है जब तक वह समावेशी और टिकाऊ न हो।"
यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत अब न केवल जनसंख्या के लिहाज से बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
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