शुभांशु झा | 27 मई 2025 देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में पाकिस्तान के लिए काम करने वाले एक गद्दार का ख...
शुभांशु झा | 27 मई 2025
देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में पाकिस्तान के लिए काम करने वाले एक गद्दार का खुलासा भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब आरोपी मोती राम जाट जैसे अंदरूनी दुश्मन “ऑपरेशनल डिटेल्स” से लेकर सैन्य प्रतिष्ठानों की गोपनीय जानकारी दुश्मन देशों को बेचते पाए जाएं।
पैसे के लिए बेच दी राष्ट्रीय सुरक्षा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा गिरफ्तार किए गए जाट ने 2023 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में रहते हुए भारत के सैन्य नेटवर्क की गुप्त जानकारी साझा की। यह न सिर्फ देशद्रोह है, बल्कि उन जवानों की जान से खिलवाड़ है जो सीमाओं पर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ खेल
NIA और सैन्य इंटेलिजेंस की संयुक्त सतर्कता के चलते जाट की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर गई। वहीं से हनी ट्रैप और खुफिया साझा करने की कड़ियाँ जुड़ती चली गईं। सवाल यह है कि ऐसी गतिविधियों का पता पहले क्यों नहीं चला? क्या CRPF के भीतर निगरानी तंत्र पर्याप्त नहीं?
पहलगाम हमला और ट्रांसफर की टाइमिंग
जाट को पहलगाम से उस समय ट्रांसफर किया गया जब वहां लश्कर समर्थित आतंकी हमले की साजिश चल रही थी। मात्र 6 दिन बाद हुए हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए—जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे। यह सवाल उठाना अब लाजमी है कि क्या जाट ने हमला करवाने में भूमिका निभाई?
CRPF और NIA की तत्परता सराहनीय
यह राहत की बात है कि CRPF ने बिना देरी किए आरोपी को 21 मई 2025 को सेवा से बर्खास्त कर दिया। वहीं, NIA ने उसे 6 जून तक की हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। यदि सुरक्षा एजेंसियाँ इसी तरह समन्वय से कार्य करें, तो गद्दारों की पहचान जल्द और बेहतर हो सकती है।
सिस्टम की री-इंफोर्समेंट की जरूरत
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ बाहरी दुश्मन ही खतरा नहीं, भीतर छुपे वर्दीधारी गद्दार उससे कहीं अधिक खतरनाक हैं। इस मामले को उदाहरण बनाते हुए CRPF और सभी सशस्त्र बलों को साइबर निगरानी, सोशल मीडिया प्रोटोकॉल और इंटेलिजेंस को-ऑर्डिनेशन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
4thColumn.in इस विषय पर नजर बनाए रखेगा और आगामी जांच रिपोर्टों को आपके सामने लाता रहेगा।
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