लेखक: शुभांशु झा | 17 मई 2025 9 और 10 मई 2025 की रात जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर भीषण मिसाइल और ड्रोन हमला किया, तब...
लेखक: शुभांशु झा | 17 मई 2025
9 और 10 मई 2025 की रात जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर भीषण मिसाइल और ड्रोन हमला किया, तब भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ‘आकाशतीर’ ने न केवल इस हमले को नाकाम किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत अब युद्ध के मैदान में तकनीकी रूप से सबसे सक्षम देशों की कतार में खड़ा है।
आकाशतीर क्या है?
‘आकाशतीर’ एक अत्याधुनिक, स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली है जो रडार, सेंसर, डिफेंस गन और कमांड सेंटर को एकीकृत कर वास्तविक समय में कार्य करती है। DRDO और BEL के संयुक्त प्रयास से विकसित इस प्रणाली का मकसद है — दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को पहचानना, ट्रैक करना और तुरंत नष्ट करना।
ऑपरेशन सिंदूर: जब आकाशतीर ने रचा इतिहास
पाकिस्तान द्वारा HQ-9 जैसी चीन निर्मित प्रणालियों का प्रयोग करते हुए किए गए हमले को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आकाशतीर के जरिए नाकाम किया। इसके बाद भारत की आक्रामक क्षमता और सामरिक आत्मनिर्भरता को वैश्विक विशेषज्ञों ने सराहा।
प्रमुख तकनीकी विशेषताएं
- 3D टैक्टिकल कंट्रोल रडार
- लो-लेवल लाइटवेट रडार
- आकाश हथियार प्रणाली का एकीकरण
- स्वचालित लक्ष्य पहचान और त्वरित निर्णय क्षमता
आत्मनिर्भर भारत की शक्ति
‘आकाशतीर’ भारत के उस रक्षा इकोसिस्टम का हिस्सा है, जो मेक इन इंडिया के तहत तेजी से विकसित हो रहा है। भारत में अब 65% से अधिक रक्षा उपकरण देश में ही बनाए जा रहे हैं। 2029 तक रक्षा उत्पादन ₹3 लाख करोड़ का आंकड़ा छूने का लक्ष्य है।
एकीकृत सेना के लिए क्रांतिकारी कदम
यह प्रणाली तीनों सेनाओं — थल सेना, वायुसेना और नौसेना — के बीच समन्वय स्थापित कर, युद्ध के मैदान में रियल टाइम साझा तस्वीर प्रस्तुत करती है। इससे ‘फ्रेंडली फायर’ की संभावना न्यूनतम हो जाती है और निर्णय क्षमता अत्यधिक सशक्त होती है।
निष्कर्ष: युद्ध की परिभाषा बदलता भारत
‘आकाशतीर’ सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं है, यह भारत के रणनीतिक आत्मविश्वास और स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। यह दुनिया को स्पष्ट संदेश देता है — भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि सामरिक रूप से निर्णायक राष्ट्र है।
यह लेख रक्षा मंत्रालय से प्राप्त विशेष सूचना पर आधारित है।
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