गाड़ी दौड़ाने वाले ड्राइवर ही सड़क पर बनी मार्किंग से अंजान: दंतेवाड़ा : जिले में लाखों रुपये की लागत से बनाई गई सड़कों पर ट्रैफिक सुरक्षा ...
गाड़ी दौड़ाने वाले ड्राइवर ही सड़क पर बनी मार्किंग से अंजान:
दंतेवाड़ा : जिले में लाखों रुपये की लागत से बनाई गई सड़कों पर ट्रैफिक सुरक्षा के लिए लेन मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग और अन्य संकेतक लगाए गए हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि खुद वाहन चलाने वाले ड्राइवर इन मार्किंग्स को नजरअंदाज कर रहे हैं — जैसे वे हों ही नहीं।
जहां प्रशासन ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से ये संकेत लगाए, वहीं ज़मीनी हकीकत ये है कि ज़्यादातर चालक इनका मतलब तक नहीं जानते। मार्किंग्स के ऊपर ही वाहन घसीट दिए जाते हैं, जेब्रा क्रॉसिंग पैदल यात्रियों के लिए नहीं बल्कि पार्किंग स्थल बन चुकी है।
🚧 स्थानीय प्रशासन की चुप्पी:
जब हमारे संवाददाता ने इस विषय पर परिवहन विभाग से बात की, तो अधिकारियों ने स्वीकारा कि जागरूकता की भारी कमी है। "हमने सड़कें बेहतर की हैं, मार्किंग्स भी करवाई हैं, पर लोगों को इसके उपयोग की जानकारी नहीं है," एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।
🚶♀️ राहगीरों को खतरा:
पैदल यात्रियों ने भी अपनी चिंता जाहिर की। "जेब्रा क्रॉसिंग तो बस दिखाने भर के लिए है। कोई भी गाड़ी रुकती नहीं," एक बुजुर्ग महिला ने कहा।
🛑 क्या करें?
विशेषज्ञों का मानना है कि मार्किंग्स जितनी जरूरी हैं, उतना ही जरूरी है लोगों को उनके बारे में जागरूक करना। स्कूलों, ड्राइविंग लाइसेंस सेंटरों और शहर में जागरूकता अभियान चलाना अब समय की मांग है।
🚦 इस खबर का सार:
मार्किंग्स बनाना पहला कदम है, पर उसे समझाना और पालन करवाना असली बदलाव लाता है। वरना ये रंगीन रेखाएं सिर्फ कागजों में सुधार दिखाने का ज़रिया बन जाएंगी।
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