रायपुर में सांस्कृतिक धरोहर का नया अध्याय: नवा रायपुर में ट्राइबल म्यूजियम का भव्य शुभारंभ: रायपुर : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को दु...
रायपुर में सांस्कृतिक धरोहर का नया अध्याय: नवा रायपुर में ट्राइबल म्यूजियम का भव्य शुभारंभ:
रायपुर : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। नवा रायपुर में अत्याधुनिक ट्राइबल म्यूजियम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश साय ने कहा, "अब देश ही नहीं, दुनिया के लोग भी छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति और जीवनशैली को निकट से जान सकेंगे।"
यह संग्रहालय केवल एक इमारत नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय के समृद्ध इतिहास, परंपराओं और जीवन मूल्यों का जीवंत चित्रण है। इसमें छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियों—गोंड, बैगा, हल्बा, मुरिया, ओरांव आदि—की कला, हस्तशिल्प, वेशभूषा, आवास शैली और रीति-रिवाजों को विशेष रूप से दर्शाया गया है।
संस्कृति की आत्मा से सजी दीर्घाएं:
संग्रहालय की दीर्घाएं न केवल दर्शकों को आदिवासी जीवन की झलक दिखाती हैं, बल्कि उन्हें अनुभव कराती हैं। पारंपरिक लोक गीतों की धुन, प्राकृतिक सामग्री से बनी वस्तुएं और स्थानीय कलाकारों की सजीव प्रस्तुतियां दर्शकों को एक अनूठा अनुभव देती हैं।
शिक्षा और पर्यटन को मिलेगा बल:
सरकार का मानना है कि यह संग्रहालय न केवल संस्कृति का संवाहक बनेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन और शैक्षणिक गतिविधियों को भी नया आयाम देगा। आने वाले समय में यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों, शोधकर्ताओं और छात्रों की आवाजाही बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "यह संग्रहालय हमारी जड़ों से जुड़ने का माध्यम है। हमारी संस्कृति में जो मौलिकता और प्रकृति से जुड़ाव है, वह पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्पद है।"
एक नजर में ट्राइबल म्यूजियम:
स्थान: नवा रायपुर
विशेषता: छत्तीसगढ़ की जनजातियों की जीवनशैली, कला, संस्कृति, रीति-रिवाजों का जीवंत चित्रण
उद्देश्य: सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, शिक्षा व पर्यटन को प्रोत्साहन
ट्राइबल म्यूजियम छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक बनकर उभर रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी पहचान से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगा।
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