कचना ओवरब्रिज भगवान भरोसे: तीन साल से रोज़ाना जाम की त्रासदी झेलते लोग: रायपुर, छत्तीसगढ़ : राजधानी रायपुर के कचना क्षेत्र में निर्माणाधीन ...
कचना ओवरब्रिज भगवान भरोसे: तीन साल से रोज़ाना जाम की त्रासदी झेलते लोग:
रायपुर, छत्तीसगढ़ : राजधानी रायपुर के कचना क्षेत्र में निर्माणाधीन ओवरब्रिज अब लोगों के लिए सुविधा नहीं, बल्कि परेशानी का पर्याय बन चुका है। तीन साल से अधूरे पड़े इस ओवरब्रिज ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी को जाम में फंसा दिया है। यहां हर दिन घंटों तक फंसे लोग मानो अब "भगवान भरोसे" ही यात्रा करते हैं।
सोमवार शाम को फिर वही कहानी दोहराई गई – ट्रैफिक का रेला, गाड़ियों की बेतरतीब कतारें और हर 10 मिनट में गुजरती ट्रेनें। न कोई ट्रैफिक जवान, न कोई वैकल्पिक व्यवस्था। राहगीर, स्कूली बच्चे, बुजुर्ग – सब इस जाम का हिस्सा बने। तकरीबन एक घंटे तक फंसी रही आमजन की सांसें, और जिम्मेदार तंत्र रहा गायब।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें पिछले तीन वर्षों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
"हर दिन यही हाल है, स्कूल-ऑफिस तक पहुंचना मुश्किल हो गया है," – कहते हैं कचना निवासी विनोद साहू।
क्या कहती है प्रशासनिक चुप्पी?
ओवरब्रिज निर्माण की गति बेहद धीमी है। बावजूद इसके कोई स्पष्ट समयसीमा या समाधान नहीं बताया गया है। प्रशासनिक उदासीनता और ट्रैफिक विभाग की लापरवाही ने इस समस्या को और गहरा बना दिया है।
जनता का सब्र अब जवाब दे रहा है:
स्थानीय लोग अब आंदोलन की चेतावनी देने लगे हैं। सवाल उठता है – क्या फिर किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार किया जा रहा है?
समाधान क्या हो सकता है?
ओवरब्रिज निर्माण में तेज़ी
वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था
ट्रैफिक कंट्रोल के लिए जवानों की तैनाती
क्रॉसिंग पर स्मार्ट सिग्नल या बैरियर सिस्टम:
जब तक ये कदम नहीं उठाए जाते, तब तक कचना की जनता हर रोज़ भगवान और किस्मत के सहारे जाम से निकलने की कोशिश करती रहेगी।
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