राजनांदगांव से एक प्रेरणादायक बदलाव की कहानी: राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ : विकास की रौशनी अब उन अंधेरे गांवों तक भी पहुंच गई है, जहां वर्षों से...
राजनांदगांव से एक प्रेरणादायक बदलाव की कहानी:
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ : विकास की रौशनी अब उन अंधेरे गांवों तक भी पहुंच गई है, जहां वर्षों से लोग लालटेन के सहारे जीवन व्यतीत कर रहे थे। जिले के 100 दूरस्थ और पिछड़े गांवों में अब बिजली पहुंच गई है, जिससे 1225 परिवारों को पहली बार घर में बल्ब की रोशनी देखने को मिली।
राज्य सरकार की ‘रोशनी सबके लिए’ योजना के तहत यह ऐतिहासिक पहल की गई, जिसमें बिजली विभाग की टीमों ने दुर्गम इलाकों में दिन-रात मेहनत कर बिजली लाइनें बिछाईं। इस कार्य के पूरा होने से न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई का समय बढ़ा है, बल्कि गांवों की रात्रि सुरक्षा और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आई है।
बिजली पहुंचने से ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। 70 वर्षीय धनेश्वरी बाई कहती हैं, “पहले हर रात अंधेरे से डर लगता था, अब बल्ब जलता है तो लगता है कि असली आज़ादी मिली है।”
प्रभाव:
विद्यार्थियों को पढ़ाई में आसानी
महिला समूहों की सिलाई और कुटीर उद्योगों में वृद्धि
स्वास्थ्य केंद्रों में अब रात्रि इलाज संभव
मोबाइल चार्जिंग, रेडियो, पंखा आदि से जीवन हुआ सहज
इस उपलब्धि के साथ राजनांदगांव जिला राज्य में ग्रामीण विद्युतीकरण का आदर्श बनकर उभरा है। प्रशासन अब अगली योजना में शेष गांवों को भी इसी वर्ष बिजली से जोड़ने का संकल्प ले चुका है।
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