सुशासन तिहार का समापन: जनसेवा की मिसाल बने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, रुद्री गांव में जनता से सीधे संवाद धमतरी : जनता के द्वार, समाधान के स...
सुशासन तिहार का समापन: जनसेवा की मिसाल बने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, रुद्री गांव में जनता से सीधे संवाद
धमतरी : जनता के द्वार, समाधान के संकल्प के साथ — सुशासन तिहार के तीसरे और अंतिम चरण में शनिवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय धमतरी जिले के रुद्री गांव पहुँचे। पुराने कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित समाधान शिविर में उन्होंने न सिर्फ आमजनों की समस्याएँ सुनीं, बल्कि विभागीय अधिकारियों को त्वरित और समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री का आगमन जैसे ही इनडोर स्टेडियम से शिविर स्थल पर हुआ, वहां उपस्थित लोगों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका आत्मीय स्वागत किया। हल्की रिमझिम बारिश के बीच भी जनसैलाब उमड़ पड़ा — एक दृश्य जो शासन और जनता के बीच के भरोसे को जीवंत करता है।
शिविर स्थल पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और योजनाओं की ज़मीनी हकीकत जानने के लिए स्वयं लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा, "जनता की संतुष्टि ही सुशासन की असली कसौटी है। सरकार का हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए कि अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे।"
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग, महासमुंद सांसद रूप कुमारी चौधरी और प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में सुशासन तिहार को एक अभिनव पहल बताते हुए इसे प्रदेश में जनकल्याण की नई इबारत बताया।
उल्लेखनीय है कि ‘सुशासन तिहार’ की शुरुआत 5 मई को हुई थी। यह विशेष अभियान मुख्यमंत्री साय की उस सोच का प्रतीक है जिसमें वे स्वयं जिलों और गांवों में पहुंचकर जनता की बात सुनते हैं — बिना किसी पूर्व सूचना या औपचारिकता के। यह गोपनीय दौरा प्रणाली प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
रुद्री में आज न सिर्फ समस्याओं का समाधान हुआ, बल्कि एक विश्वास का बीज भी बोया गया — कि सरकार दूर नहीं, सरकार यहीं है — जनता के साथ, उनके बीच।
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