Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

570 करोड़ कोयला घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन छोड़ना होगा छत्तीसगढ़

570 करोड़ कोयला घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन छोड़ना होगा छत्तीसगढ़: नई दिल्ली/रायपुर :  देश के बहुचर्चित 570 करोड़ रुपये के को...


570 करोड़ कोयला घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन छोड़ना होगा छत्तीसगढ़:

नई दिल्ली/रायपुर : देश के बहुचर्चित 570 करोड़ रुपये के कोयला परिवहन घोटाले में नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शामिल छह प्रमुख आरोपियों को अंतरिम जमानत प्रदान की है, लेकिन इसके साथ एक सख्त शर्त भी रखी गई है—उन्हें छत्तीसगढ़ छोड़ना होगा। न्यायालय को आशंका है कि आरोपी राज्य में रहकर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है।

जेल से बाहर आए बड़े नाम

रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक शनिवार की सुबह जेल से रिहा हुए। शुक्रवार को ही रिहाई की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन कागजी कार्यवाही में देरी के कारण एक दिन का विलंब हुआ।


कोर्ट का स्पष्ट संदेश: न्याय से कोई समझौता नहीं

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने यह अंतरिम राहत देते हुए यह स्पष्ट किया कि सभी आरोपी राज्य की सीमा से बाहर रहें और किसी भी प्रकार से मामले की जांच या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। यह फैसला देश में न्याय प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वतंत्रता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


DMF घोटाले के आरोपी अभी भी जेल में

जहां कोयला घोटाले के आरोपी जमानत पर बाहर आ गए हैं, वहीं डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को अभी राहत नहीं मिली है। इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई लंबित है, और फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।


पृष्ठभूमि: क्या है कोयला घोटाला?

570 करोड़ रुपये का यह घोटाला छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन और वितरण में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया था कि बड़े स्तर पर घूस और फर्जीवाड़े के जरिए कोयले की तस्करी और परिवहन में भ्रष्टाचार हुआ। इसमें कई उच्च अधिकारियों और रसूखदारों की संलिप्तता सामने आई, जिससे मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया।


आगे क्या होगा?

अब सभी जमानतशुदा आरोपियों को छत्तीसगढ़ छोड़ने के बाद अदालत की अगली सुनवाई में पेशी देनी होगी। यदि उन्होंने किसी भी शर्त का उल्लंघन किया तो जमानत तत्काल रद्द हो सकती है।

यह मामला छत्तीसगढ़ की नौकरशाही और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।

कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket