चार साल से बंद आंगनबाड़ी, नक्सल प्रभावित चिरमुर गांव के 30 से ज़्यादा बच्चे शिक्षा और पोषण से वंचित: दंतेवाड़ा-सुकमा: सीमा पर बसे चिरमुर ...
चार साल से बंद आंगनबाड़ी, नक्सल प्रभावित चिरमुर गांव के 30 से ज़्यादा बच्चे शिक्षा और पोषण से वंचित:
दंतेवाड़ा-सुकमा: सीमा पर बसे चिरमुर गांव में न तो स्कूल है, न ही आंगनबाड़ी केंद्र। गांव के 30 से अधिक बच्चे शिक्षा और पोषण सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हैं।
चार साल पहले नक्सलियों ने गांव की आंगनबाड़ी सहायिका की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागजों में चल रहा है। ज़मीनी हकीकत यह है कि बच्चों को न तो पढ़ाई मिल रही है, न ही पोषण आहार।
गांव की स्थिति गंभीर है। कुपोषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोग कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर समस्या को टाल दिया जाता है।
सरकार और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर संकेत है कि राज्य के सुदूर इलाकों में आज भी बच्चे मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं।
अब सवाल उठता है — कब जागेगा सिस्टम?
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