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कैसे संवरेगा बच्चों का भविष्य? स्कूल में शिक्षा नहीं, केवल हाजिरी लगाने आते हैं प्रधान पाठक!

  शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंचते हैं प्रधान पाठक, जिम्मेदार मौन: बेमेतरा :  शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता ह...

 

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंचते हैं प्रधान पाठक, जिम्मेदार मौन:

बेमेतरा : शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, लेकिन जब वही शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से विमुख हो जाए, तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा? जिले के साजा ब्लॉक के ग्राम संबलपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक प्रधान पाठक विगत एक वर्ष से स्कूल में केवल हाजिरी लगाने आता है और फिर चला जाता है। हैरानी की बात यह है कि जब भी वह स्कूल पहुंचता है, तो शराब के नशे में धुत रहता है।

स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि प्रधान पाठक की यह लापरवाही लंबे समय से जारी है, लेकिन आज तक उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उच्चाधिकारियों को भी इस स्थिति की जानकारी होने के बावजूद वे अनदेखी कर रहे हैं।


शिक्षा पर पड़ रहा गंभीर असर:

स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए जिस शिक्षक की नियुक्ति की गई है, वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और अनुशासनहीनता बढ़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।


प्रशासन की उदासीनता पर उठे सवाल:

यह मामला शिक्षा विभाग की लापरवाही को भी उजागर करता है। प्रधान पाठक की इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत की खबर प्रशासन तक कई बार पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिर ऐसी लापरवाही कब तक जारी रहेगी?


ग्रामीणों की मांग – हो त्वरित कार्रवाई:

गांव के अभिभावकों और जागरूक नागरिकों ने शिक्षा विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही संबंधित शिक्षक पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।


क्या शिक्षा विभाग जागेगा?

यह मामला केवल संबलपुर गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े करता है। क्या जिम्मेदार अधिकारी अब भी चुप बैठेंगे, या फिर बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? यह देखना बाकी है।


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