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धान उठाव में देरी से किसानों की चिंता बढ़ी: बलौदाबाजार में खुले में पड़ा 8 लाख क्विंटल धान, खराब होने का खतरा

  धान उठाव में देरी से किसानों की चिंता बढ़ी: बलौदाबाजार में खुले में पड़ा 8 लाख क्विंटल धान, खराब होने का खतरा: बलौदाबाजार :  जिले में धान ...

 धान उठाव में देरी से किसानों की चिंता बढ़ी: बलौदाबाजार में खुले में पड़ा 8 लाख क्विंटल धान, खराब होने का खतरा:

बलौदाबाजार : जिले में धान खरीदी बंद हुए एक माह से अधिक हो चुका है, लेकिन अब तक धान का उठाव नहीं हो सका है। जिले के 166 खरीदी केंद्रों में लगभग 7 लाख 80 हजार क्विंटल धान खुले में पड़ा हुआ है, जिससे उसके खराब होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

खुले में पड़े धान पर मौसम की मार पड़ रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। तेज धूप और नमी के कारण धान की गुणवत्ता खराब होने की आशंका है, जिससे बाजार में उसकी कीमत गिर सकती है।


किसानों की बढ़ी चिंता, प्रशासन पर उठे सवाल:

धान के उठाव में हो रही देरी को लेकर किसानों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही धान का परिवहन नहीं हुआ, तो उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि परिवहन प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही है।


क्या है कारण?

धान उठाव में देरी के पीछे परिवहन संबंधी अव्यवस्था और गोदामों में जगह की कमी मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। साथ ही, मिलर्स द्वारा धान उठाने में सुस्ती बरतने की भी शिकायतें मिल रही हैं।


जल्द समाधान की मांग:

किसानों और किसान संगठनों ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की मांग की है, ताकि खुले में पड़े धान को खराब होने से बचाया जा सके। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिसका असर आगामी फसलों पर भी पड़ेगा।

अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस समस्या का समाधान निकालता है और किसानों को राहत मिलती है।


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