छत्तीसगढ़ विधानसभा में जलजीवन मिशन पर हंगामा: बिना जल स्रोत के 653 गांवों में टंकी और पाइपलाइन, सरकार ने दी सफाई: रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानस...
छत्तीसगढ़ विधानसभा में जलजीवन मिशन पर हंगामा: बिना जल स्रोत के 653 गांवों में टंकी और पाइपलाइन, सरकार ने दी सफाई:
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जलजीवन मिशन में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर किन कारणों से 653 गांवों में बिना जल स्रोत के ही टंकी और पाइपलाइन बिछा दी गई। इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सफाई दी और योजना में देरी को इसका कारण बताया।
योजना में देरी से आई दिक्कतें:
डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि जब जलजीवन मिशन का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किया गया था, तब प्रत्येक गांव में जल स्रोत की उपलब्धता थी, लेकिन परियोजना के कार्यान्वयन में देरी के कारण कई गांवों में जल स्रोत सूख गए या अनुपलब्ध हो गए। उन्होंने कहा, "यह योजना 2019 में बनी थी, लेकिन जल स्रोत का काम 2023 में शुरू हुआ, जिससे कई गांवों में समस्या आई।"
जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई:
अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि बिना जल स्रोत के पाइपलाइन और टंकी बनवाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। इस पर उप मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि "जब तक योजना पूरी नहीं होगी, किसी भी ठेकेदार को 70% से अधिक भुगतान नहीं किया जाएगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों ने बिना जल स्रोत के ही पाइपलाइन बिछाने और टंकी बनाने की मंजूरी दी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जलजीवन मिशन का कार्य प्रगति पर:
विधानसभा में जानकारी देते हुए अरुण साव ने बताया कि अब तक 5291 गांवों में नल कनेक्शन का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना को 2028 तक विस्तारित कर दिया है और राज्य सरकार तय समय के भीतर योजना का क्रियान्वयन पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विपक्ष का हमला, सरकार की सफाई:
इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए और योजना के सही क्रियान्वयन की मांग की। वहीं, सरकार ने स्पष्ट किया कि समस्या के समाधान के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ में जलजीवन मिशन को लेकर यह बड़ा खुलासा विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में कितनी पारदर्शिता और सख्ती दिखाती है।
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