रायपुर : विधानसभा सत्र में आज राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होने जा रही है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव और उद्योग, व...
रायपुर : विधानसभा सत्र में आज राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होने जा रही है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव और उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन अपने-अपने विभागों से जुड़े सवालों के जवाब देंगे। इस सत्र में शहरी विकास, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण से लेकर श्रमिकों की सुरक्षा और औद्योगिक विकास तक कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।
शहरी विकास और अधोसंरचना पर उठेंगे सवाल
उपमुख्यमंत्री अरुण साव से शहरी विकास से जुड़े कई संवेदनशील विषयों पर जानकारी मांगी गई है। इसमें स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत हुए कार्यों की समीक्षा, जल जीवन मिशन के तहत दिए गए नल जल कनेक्शन, अमृत मिशन योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों में ओवरलैपिंग और अनियमितताओं की जांच जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, सड़क निर्माण, पोल शिफ्टिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित वार्षिक प्रतिवेदन पर भी चर्चा होगी।
उद्योग और श्रमिक कल्याण पर विशेष फोकस
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण से जुड़े गंभीर प्रश्न पूछे जाएंगे। मुंगेली जिले के कुसुम स्मेल्टर्स प्लांट में श्रमिकों की सुरक्षा की समीक्षा, घायलों और मृतकों के आंकड़े, मुआवजा वितरण और दोषियों पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही फूड पार्क की स्थापना, सीएसआर फंड की खर्च रिपोर्ट, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत आवेदनों की स्थिति और उद्योगों से संबंधित शिकायतों पर हुई कार्यवाही पर भी जवाबदेही तय की जाएगी।
आदिवासी क्षेत्रों और असंगठित श्रमिकों पर भी नजर
बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की स्थिति, असंगठित कृषि श्रमिकों के रोजगार की स्थिति और श्रमिक भविष्य निधि से जुड़ी जानकारियां भी मांगी गई हैं। यह सत्र राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक हितों की सुरक्षा के लिए अहम साबित हो सकता है।
महत्वपूर्ण अंकेक्षण प्रतिवेदन होंगे प्रस्तुत
सत्र के दौरान सहकारिता मंत्री केदार कश्यप द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज व्यापार संघ और अंत्यावासी वित्त एवं विकास निगम के अंकेक्षण प्रतिवेदन भी सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस सत्र में विपक्ष भी सरकार से तीखे सवाल पूछ सकता है, जिससे चर्चाएं और भी रोचक होने की संभावना है। जनता की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार इन मुद्दों पर क्या जवाब देती है और क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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