लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहली बार निर्विरोध पंचायत चुनाव: छत्तीसगढ़ : में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत आ...
लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहली बार निर्विरोध पंचायत चुनाव:
छत्तीसगढ़ : में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत आज मतदान संपन्न हो रहा है, और इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला। पहली बार, नक्सलियों ने चुनाव का किसी भी रूप में विरोध नहीं किया—ना हमले, ना धमकी, ना बैनर-पोस्टर। यह बदलाव न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि लोकतंत्र की गूंज को भी साबित करता है।
बुलेट नहीं, बैलेट की ताकत:
मुख्यमंत्री ने इस शांतिपूर्ण मतदान पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, "बस्तर में अब बुलेट नहीं, बैलेट की ताकत चल रही है। यह लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत है।" सुकमा और बीजापुर के 130 से अधिक मतदान केंद्रों में 40 साल बाद ग्रामीण पंचायत चुनाव में मतदान कर रहे हैं।
हिड़मा के गांव में भी उत्साह:
नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी ग्रामीणों में मतदान को लेकर उत्साह देखने को मिला। यह संकेत है कि वर्षों की हिंसा और आतंक के बाद अब आम लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आगे आ रहे हैं।
40 से अधिक सुरक्षा कैंपों ने बदली तस्वीर:
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने अति संवेदनशील इलाकों में 40 से अधिक नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, जिससे नक्सलवाद की जड़ें कमजोर पड़ी हैं। बस्तर में वर्षों से फैले इस आतंकवाद का खात्मा अब नजदीक है, और सरकार इसे मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प पर आगे बढ़ रही है।
गणतंत्र की जीत पर बधाई:
बस्तर संभाग के ग्रामीणों को इस ऐतिहासिक बदलाव पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने सुरक्षाबलों की बहादुरी को नमन किया और कहा, "यही है गणतंत्र की जीत, जब जनता भयमुक्त होकर अपने अधिकारों का उपयोग कर सके। जय बस्तर, जय छत्तीसगढ़!"
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