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शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर एकलव्य आवासीय विद्यालय से भागे छह छात्र

  शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर एकलव्य आवासीय विद्यालय से भागे छह छात्र: धमतरी, छत्तीसगढ़: जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले छह...

 शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर एकलव्य आवासीय विद्यालय से भागे छह छात्र:

धमतरी, छत्तीसगढ़: जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले छह छात्र शिक्षक की प्रताड़ना से परेशान होकर स्कूल की बाउंड्रीवाल कूदकर भाग गए। हालांकि, स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की सतर्कता से सभी बच्चों को सुरक्षित ढूंढ लिया गया और स्कूल प्रबंधन को सौंप दिया गया।

डीईओ टीआर जगदल्ले ने बताया कि सातवीं कक्षा के ईशांत ध्रुव, चेतन कंवर, लोकेश्वर बिसेन, चुमेश्वर कमार, चंद्रकांत कोर्राम और नौवीं कक्षा के तरुण कोर्राम विद्यालय से भाग निकले थे। बच्चों को बाद में गांव में सुरक्षित पाया गया।

इस घटना के बाद जिला शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। स्कूल में शिक्षकों द्वारा दी जा रही सख्ती और अनुशासनात्मक नीतियों की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

ग्रामीणों और परिजनों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और स्कूल प्रशासन से बच्चों के साथ बेहतर व्यवहार की मांग की है। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा।


शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर छह छात्र स्कूल से भागे, गांव में मिले सुरक्षित:

धमतरी, छत्तीसगढ़: जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय, पथर्रीडीह कुकरेल में शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर छह आदिवासी और कमार समुदाय के बच्चे स्कूल की बाउंड्रीवाल कूदकर भाग निकले। ये सभी बच्चे देर शाम पास के गांव में मिले, जहां सरपंच और ग्रामीणों ने उन्हें सुरक्षित रखा।

घटना की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों से बातचीत कर मामले की जानकारी ली और समझाइश के बाद स्कूल प्रबंधन को छात्रों को सौंप दिया।


जांच के आदेश, होगी कार्रवाई:

इस गंभीर मामले को लेकर डीईओ ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। टीम यह पता लगाएगी कि आदिवासी और कमार समुदाय के बच्चों को शिक्षक किस तरह प्रताड़ित कर रहे थे। जांच के आधार पर दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


ग्रामीणों और अभिभावकों की चिंता:

घटना के बाद ग्रामीणों और बच्चों के परिजनों में गहरी चिंता है। उन्होंने स्कूल प्रशासन से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शिक्षकों के व्यवहार में सुधार की मांग की है।


प्रशासन का आश्वासन:

शिक्षा विभाग ने कहा है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, विद्यालयों में अनुशासनात्मक नीतियों की समीक्षा कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


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