वीरता की मिसाल: खून से लथपथ थे, लेकिन चेहरे पर था अदम्य साहस: छत्तीसगढ़ : के दंतेवाड़ा जिले के जगरगुंडा में एक हृदयविदारक घटना घटी, जब सी...
वीरता की मिसाल: खून से लथपथ थे, लेकिन चेहरे पर था अदम्य साहस:
छत्तीसगढ़ : के दंतेवाड़ा जिले के जगरगुंडा में एक हृदयविदारक घटना घटी, जब सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महिमानंद शुक्ला नक्सलियों द्वारा बिछाई गई प्रेशर आईईडी की चपेट में आ गए। अगले ही पल उनकी दुनिया अंधकारमय हो गई- विस्फोट ने उनके दोनों पैर छीन लिए।
घटना के बाद उनका शरीर खून से लथपथ था, लेकिन उनके चेहरे पर हिम्मत और वीरता की अनूठी चमक थी। गहरे दर्द के बावजूद, उन्होंने हौसला बनाए रखा। साथी जवानों ने तुरंत उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल रेफर किया गया।
यह हादसा नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों के बलिदान और संघर्ष की एक झलक भर है। महिमानंद शुक्ला की यह अदम्य वीरता हर नागरिक को यह याद दिलाती है कि हमारी सुरक्षा के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उनका यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
खून से रंगी वर्दी, वीरता की मिसाल: ड्यूटी से लौटते जवान ने गंवाए दोनों पैर:
देश की रक्षा में तैनात जवानों की वीरता किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब सर्च ऑपरेशन से लौटते समय एक बहादुर सैनिक आईईडी धमाके की चपेट में आ गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि जवान के दोनों पैर क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन देशभक्ति और हौसले से भरे इस जांबाज ने आखिरी दम तक हिम्मत नहीं हारी।
घटना के तुरंत बाद साथी सैनिकों ने उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और त्वरित उपचार मुहैया कराया। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है, और वे तेजी से ठीक हो रहे हैं। सेना और देश उनकी वीरता को सलाम करता है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बिना कर्तव्य निभाया।
यह घटना न केवल हमारे सैनिकों के साहस को दर्शाती है, बल्कि इस बात की भी याद दिलाती है कि वे हर पल देश की सुरक्षा के लिए किस तरह बलिदान देने को तैयार रहते हैं। ऐसे रणबांकुरों के जज़्बे को हमारा नमन!
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