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बिलासपुर में बर्ड फ्लू का खतरा: कानन में वन्यजीवों पर मंडराया संकट, CZA ने लगाई रोक

  बिलासपुर में बर्ड फ्लू का खतरा: कानन में वन्यजीवों पर मंडराया संकट, CZA ने लगाई रोक: बिलासपुर: शहर में बर्ड फ्लू की आशंका गहराने लगी है, ज...

 बिलासपुर में बर्ड फ्लू का खतरा: कानन में वन्यजीवों पर मंडराया संकट, CZA ने लगाई रोक:

बिलासपुर: शहर में बर्ड फ्लू की आशंका गहराने लगी है, जिससे कानन पेंडारी ज़ू में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसे देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने चिकन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है और कुक्कुट पालन क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।


संभावित खतरा और सुरक्षा उपाय:

बर्ड फ्लू का वायरस पक्षियों से अन्य प्राणियों में फैल सकता है, जिससे कानन ज़ू में रहने वाले बाघ, शेर, तेंदुआ और अन्य जानवरों पर भी खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने चिड़ियाघर प्रशासन को सतर्क रहने और सभी पक्षियों की नियमित जांच के निर्देश दिए हैं।


क्या है स्थिति?

शहर और आसपास के इलाकों में मृत पक्षियों के मिलने की खबरें आ रही हैं, जिससे आशंका और बढ़ गई है। अधिकारियों ने स्थिति पर नज़र बनाए रखने के लिए निगरानी टीमों को सक्रिय कर दिया है और संक्रमित पक्षियों की पहचान करने के लिए सैंपल जांच शुरू कर दी गई है।


जनता से अपील:

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध रूप से बीमार या मृत पक्षी मिलने पर तुरंत वन विभाग या स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। साथ ही, पोल्ट्री उत्पादों का सेवन करने से पहले पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है और जल्द ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।


छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ा, बिलासपुर में अलर्ट जारी:

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू का खतरा गहराने के बीच बिलासपुर में भी पशु विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। कानन पेंडारी जू में संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने बड़ा फैसला लिया है। अब चिड़ियाघर में बाघ, तेंदुआ और शेर के आहार में दिए जाने वाले चिकन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।


सख्ती बढ़ी, निगरानी तेज:

जू प्रशासन ने किसी भी संभावित संक्रमण को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। पोल्ट्री उत्पादों की सप्लाई रोक दी गई है, और वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, जू परिसर में बाहरी व्यक्तियों और अनावश्यक आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।


संक्रमण रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जू में पक्षियों और अन्य जानवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

पोल्ट्री फीड पर रोक लगने के बाद बाघ, शेर और तेंदुओं के आहार में अन्य मांसाहारी विकल्प शामिल किए जा रहे हैं।

जू कर्मचारियों को सुरक्षा निर्देश दिए गए हैं और उन्हें विशेष संरक्षण किट प्रदान की गई है।

क्षेत्र में मृत पक्षियों की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो सैंपल इकट्ठा कर रही है।


जनता से अपील:

पशु विभाग और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अगर वे संदिग्ध रूप से बीमार या मृत पक्षी देखें, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें। साथ ही, कच्चे पोल्ट्री उत्पादों के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।

जू प्रशासन और पशु विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अगर संक्रमण की पुष्टि होती है, तो इससे निपटने के लिए और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।



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