धर्मांतरण विवाद: पादरी के बयान से बवाल, सांस्कृतिक आतंकवाद करार: रायपुर: में धर्मांतरण को लेकर छिड़ी बहस एक बार फिर तेज हो गई है। एक पादरी...
धर्मांतरण विवाद: पादरी के बयान से बवाल, सांस्कृतिक आतंकवाद करार:
रायपुर: में धर्मांतरण को लेकर छिड़ी बहस एक बार फिर तेज हो गई है। एक पादरी के देवी-देवताओं को यीशु से छोटा बताने के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। आरोप है कि धर्मांतरण के लिए बीमार और गरीब लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
इस पर भाजपा नेता दिलीप सिंह जूदेव ने इसे "सांस्कृतिक आतंकवाद" करार दिया है और कड़ी निंदा की है। वहीं, ईसाई समुदाय ने सरकार पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है।
यह मामला न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक तकरार का भी कारण बनता दिख रहा है। सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
रायपुर: पंडरी में चंगाई सभा के दौरान धर्मांतरण का आरोप, बजरंग दल और RSS ने किया हंगामा:
रायपुर के पंडरी स्थित मितान विहार में आयोजित चंगाई सभा के दौरान धर्मांतरण और हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का मामला गरमा गया। दावा किया जा रहा है कि इस सभा में चार हिंदू परिवारों का धर्मांतरण कराया जा रहा था, लेकिन इससे पहले ही बजरंग दल और RSS कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, चंगाई सभा में बीमार और गरीब लोगों को बुलाया गया था, जहां उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था। इसी दौरान हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित रूप से आपत्तिजनक बयान दिए गए, जिससे माहौल और गरम हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही बजरंग दल और RSS के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और सभा में विरोध जताया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया और मौके पर तैनात की गई।
ईसाई समुदाय और हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया:
ईसाई समुदाय ने सरकार पर धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने और जबरन सभा रुकवाने का आरोप लगाया है। वहीं, हिंदू संगठनों का कहना है कि धर्मांतरण एक साजिश के तहत किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले पर प्रशासन का रुख:
पुलिस ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन ने किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
रायपुर में इस घटना के बाद धर्मांतरण को लेकर फिर से बहस तेज हो गई है। सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं, यह देखने लायक होगा।
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