CGMSC घोटाला: मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा छह दिन की पुलिस रिमांड पर: रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड...
CGMSC घोटाला: मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा छह दिन की पुलिस रिमांड पर:
रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) घोटाले में बड़ा मोड़ आया है। कोर्ट ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। चोपड़ा पर सरकारी टेंडर में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड के दौरान घोटाले से जुड़े और भी अहम राज सामने आ सकते हैं। इससे पहले, मामले में कई अहम दस्तावेज और लेन-देन की जानकारी पुलिस के हाथ लगी थी, जिसके आधार पर चोपड़ा को गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और क्या इसमें किसी उच्च पदस्थ अधिकारी या नेता की भूमिका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है।
CGMSC घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष ने सरकार पर घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने का दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
CGMSC घोटाला: मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा छह दिन की पुलिस रिमांड पर:
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ रुपए के बहुचर्चित CGMSC घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। आरोपी मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की विशेष कोर्ट ने छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इससे पहले, सात दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद चोपड़ा को विशेष न्यायाधीश निधी शर्मा तिवारी की अदालत में पेश किया गया था, जहां जांच एजेंसी ने मामले की गहराई से पूछताछ के लिए और रिमांड की मांग की। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए छह दिन की अतिरिक्त रिमांड मंजूर की।
क्या है CGMSC घोटाला?
CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) घोटाले में सरकारी टेंडर में भारी गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर हासिल करने, घटिया गुणवत्ता की दवाइयां और उपकरण आपूर्ति करने, और करोड़ों रुपए के हेरफेर की बात सामने आई है।
आगे की जांच और संभावित खुलासे:
पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड के दौरान घोटाले से जुड़े और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। अब तक की जांच में महत्वपूर्ण दस्तावेज और संदिग्ध लेन-देन के सुराग मिले हैं। इससे यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि इस घोटाले में उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं की भी संलिप्तता हो सकती है।
राजनीतिक माहौल गर्माया:
इस घोटाले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, प्रशासन ने यह आश्वासन दिया है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा।
इस मामले से जुड़े और भी बड़े खुलासों की उम्मीद की जा रही है। जांच एजेंसियां हर पहलू पर काम कर रही हैं, ताकि घोटाले के पीछे की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।
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