छत्तीसगढ़: बाघों की बढ़ती मौजूदगी से स्कूलों में एहतियाती छुट्टी का फैसला: छत्तीसगढ़: में इन दिनों वन्यजीवों की बढ़ती हलचल, खासकर बाघों क...
छत्तीसगढ़: बाघों की बढ़ती मौजूदगी से स्कूलों में एहतियाती छुट्टी का फैसला:
छत्तीसगढ़: में इन दिनों वन्यजीवों की बढ़ती हलचल, खासकर बाघों के विचरण, ने स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों का ध्यान खींचा है। हाल ही में, कई स्थानों पर बाघों के विचरण के वीडियो सामने आए हैं, जिससे लोगों में रोमांच और सतर्कता दोनों बढ़ गई हैं।
ग्रामीण इलाकों के कुछ स्कूलों के आसपास बाघों की मौजूदगी की सूचना के चलते प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए स्कूलों में अस्थायी छुट्टी का आदेश जारी किया है। यह निर्णय बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बाघों के करीब जाने से बचें। इसके साथ ही, विभाग बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रयास कर रहा है। यह कदम इंसान और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखने का उदाहरण है।
प्रशासन की अपील:
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें। साथ ही, बच्चों को खुले स्थानों पर खेलने से बचाने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
यह घटना एक बार फिर मानव और वन्यजीवों के सह-अस्तित्व की जरूरत और चुनौतियों को उजागर करती है।
गौरेला: ज्वालेश्वर धाम मंदिर के पास बाघ के विचरण से स्कूल और छात्रावासों में एहतियाती छुट्टी:
गौरेला क्षेत्र के ज्वालेश्वर धाम मंदिर के पास बाघ के विचरण की पुष्टि के बाद प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। ग्राम पंचायत तंवरडबरा के शासकीय प्राथमिक शाला, शासकीय माध्यमिक शाला और रहवासी आश्रम छात्रावास में आगामी 3 से 4 दिनों की छुट्टी का आदेश जारी किया गया है।
कलेक्टर के निर्देश पर जारी हुआ आदेश:
इस संदर्भ में कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने संबंधित स्कूलों और छात्रावासों में छुट्टी का आदेश दिया है। यह कदम बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सतर्कता और वन विभाग की अपील:
वन विभाग बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा है और सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।
यह फैसला इंसान और वन्यजीवों के बीच सुरक्षित सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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