रायपुर: नाइजीरियन स्टूडेंट्स के करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश: रायपुर : में पढ़ाई कर रहे नाइजीरियन छात्रों द्वारा करोड़ों रुपये की ठगी का मा...
रायपुर: नाइजीरियन स्टूडेंट्स के करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश:
रायपुर : में पढ़ाई कर रहे नाइजीरियन छात्रों द्वारा करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि ठगी के इस बड़े नेटवर्क में देशभर से कुल 62 आरोपी शामिल हैं। इन आरोपियों ने म्यूल अकाउंट्स के जरिए पैसों का लेन-देन कर लोगों को ठगा।
ठगी का तरीका:
छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगी का जाल फैलाते हुए लोगों को विदेशों में पैसा भेजने और बड़ी कमाई के झूठे प्रलोभन दिए। पीड़ितों को म्यूल अकाउंट्स (बिचौलिया खाते) के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया। रायपुर आईजी ने बताया कि यह नेटवर्क आधुनिक तकनीक और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाने में माहिर था।
देशभर में फैला नेटवर्क:
इस मामले में 62 आरोपियों को पकड़ा गया है, जिनमें से कई लोग नाइजीरिया से हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्रों ने अपने पहचान पत्र और बैंक खातों का दुरुपयोग किया, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया। इस गिरोह ने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य राज्यों के लोगों को भी अपना शिकार बनाया।
पुलिस की कार्रवाई:
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से कई मोबाइल, लैपटॉप, सिम कार्ड और बैंक पासबुक बरामद किए हैं। रायपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंटरपोल और अन्य एजेंसियों से भी मदद मांगी है।
सतर्क रहने की अपील:
पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक डिटेल्स या पैसा साझा न करने की अपील की है। यदि कोई संदिग्ध कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करता है और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
रायपुर: नाइजीरियन छात्रों का ठगी नेटवर्क उजागर, फर्जी बैंक खातों से करोड़ों की धोखाधड़ी:
रायपुर में पढ़ाई कर रहे नाइजीरियन छात्रों और उनके साथियों द्वारा संचालित ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह ने बैंक अकाउंट खुलवाने, फर्जी शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी में निवेश, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, और बैंक केवाईसी अपडेट के नाम पर देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है।
ठगी के तरीके: कैसे फंसाए लोगों को?
आरोपियों ने ठगी के लिए कई अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया:
1. फर्जी बैंक खाते खुलवाना: म्यूल अकाउंट्स का उपयोग कर लोगों से पैसे ट्रांसफर करवाए।
2. फर्जी शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो करेंसी में निवेश: मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेशकों को ठगा।
3. गूगल रिव्यू टास्क: गूगल रिव्यू लिखने पर पैसे कमाने का झांसा दिया।
4. टेलीग्राम टास्क: टेलीग्राम पर काम के नाम पर ठगी की।
5. बैंक केवाईसी के बहाने: फर्जी कॉल्स कर लोगों से उनकी बैंक डिटेल्स और ओटीपी मांगी।
जांच और कार्रवाई:
रायपुर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से इन आरोपियों का पता लगाया। अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
साक्ष्य: आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड, और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
मनी ट्रेल: म्यूल अकाउंट्स के जरिए करोड़ों रुपये विदेश भेजे गए।
सतर्कता की अपील:
पुलिस ने जनता से अपील की है कि:
अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
फर्जी कॉल्स पर अपनी बैंक जानकारी साझा न करें।
क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट में निवेश से पहले अच्छे से जांच करें।
गूगल रिव्यू और टेलीग्राम जैसे कार्यों के प्रलोभन से बचें।
देशव्यापी जाल:
यह मामला न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं की ओर संकेत करता है। पुलिस अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से इस गिरोह के मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जनता को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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